कार्ले की गुफाएँ
कार्ले की गुफाएँ | |
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स्थान | कार्ली, महाराष्ट्र |
निर्देशांक | 18°46′59″N 73°28′16″E / 18.783°N 73.471°Eनिर्देशांक: 18°46′59″N 73°28′16″E / 18.783°N 73.471°E |
भूगर्भ जानकारी | बेसाल्ट |
कार्ले की गुफाएँ भारत के महाराष्ट्र राज्य के पुणे जिले में कार्ली में चट्टानों को काट कर बनाया गया एक प्राचीन बौद्ध गुफाओं का परिसर है। यह लोनावला से ग्यारह किमी दूर है। इसका निर्माण प्रथम शताब्दी ईसापूर्व से पाँचवी शताब्दी ईसवी तक किया गया था। अनुमान है कि सबसे पुरानी गुफा का निर्माण 160 ईसापूर्व में किया गया था। यह अरब सागर से दक्कन के पठार जाने वाले एक प्राचीन व्यापारिक मार्ग पर स्थित है।[1][2][3]
विवरण
[संपादित करें]यहाँ पर एक भव्य चैत्यगृह तथा तीन विहार है। यह चैत्यगृह सबसे बड़ा और सबसे सुरक्षित दशा में है। यह मुख्य द्वार से पीछे के द्वार तक १२४ फुट ३ इंच लम्बा, ४५ फुट ५ इंच चौड़ा तथा ४६ फुट ऊंचा है। इसके सामने का भाग दुमंजिला है। ऊपरी मंजिल में प्रकाश के लिए बड़ा वातायन तथा निचली मंजिल में तीन द्वार है। कार्ले की गुफाओं में स्तंभों पर बुद्ध की मूर्तियां भी हैं और ब्राह्मी लिपि मे लेख भी उत्कीर्ण है। एक अभिलेख के अनुसार, कार्ले चैत्य का निर्माण कुनित वरमोरा ने करवाया, वही पूर्णता पर पहुँचाने का काम सातवाहनों ने किया। इसमे 200 ई.पू. की तिथियाँ हैं।इनका निर्माण 80 ई.पू. कर लिया गया था ।
छविदीर्घा
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कार्ली की गुफाओं में निर्मित चैत्यगृह
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कुछ स्तम्भ लेख
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स्तम्भ पर निर्मित चित्र
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मुख्य चैत्यगृह का बाह्री भाग
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मुख्य चैत्यगृह के प्रवेशद्वार पर खड़ा स्तम्भ
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कार्ली गुफाओं का बाहर से दृश्य (सन २००७)
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हाथी पर सवार बुद्ध
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ Miller, Barbara Stoler. The Powers of Art: Patronage in Indian Culture. Oxford University Press. pp. 41–42.
- ↑ World Heritage Monuments and Related Edifices in India, Volume 1 ʻAlī Jāvīd, Tabassum Javeed, Algora Publishing, 2008 p.42
- ↑ Southern India: A Guide to Monuments Sites & Museums, by George Michell, Roli Books Private Limited, 1 mai 2013 p.72