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कारमेन अमाया

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कारमेन अमाया
जन्म 02 नवम्बर 1918
बार्सिलोना
मौत 19 नवम्बर 1963
पेशा फ़्लामिन्को नृत्यांगना
कार्यकाल 1923–1953

कारमेन अमाया (कैटलन: Carmen Amaya; 2 नवम्बर 1918 – 19 नवम्बर 1963) रोमानी मूल की स्पेनी फ़्लामिन्को नृत्यांगना और गायिका थीं। बार्सिलोना की सोमोर्रोस्त्रो झुग्गी बस्ती में जन्मी अमाया को "अपनी पीढ़ी की महानतम स्पेनी जिप्सी नृत्यांगना" माना जाता है। इन्हें फ़्लामिन्को नृत्य इतिहास का सबसे असाधारण व्यक्तित्व भी माना गया है।

गरीब परिवार में जन्मी और पली-बढ़ीं अमाया ने अपने गायन और नृत्य कैरियर की शुरुआत बार्सिलोना के शराबखानों से की, जहाँ ये दर्शकों द्वारा फ़र्श पर फैके सिक्के इकट्ठा किया करती थीं। समय के साथ-साथ इन्हें शोहरत और दौलत मिली परन्तु ये अपनी रोमानी जड़ो के साथ जुड़ी रहीं और फ़्लामिन्को नृत्य को नए आयाम तक पहुँचाया।

प्रारंभिक जीवन

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कारमेन अमाया की जन्म तिथि की पुष्टि की नहीं है, परन्तु कुछ दस्तावेज़ों व लेखकों के अनुसार इनका जन्म 2 नवम्बर 1918 को कातालोन्या की राजधानी बार्सिलोना की सोमोर्रोस्त्रो झुग्गी बस्ती में हुआ था। जब सोमोर्रोस्त्रो समुन्द्र तट के नजदीक बसी एक रोमानी अनधिवासी बस्ती थी, जहाँ पक्के मकान नहीं थे व लोग झोंपड़ी या तम्बुओ में रहते थे। अमाया का परिवार एक घोड़ा गाड़ी में रहता था जिसकी छत कैनवास द्वारा बनी हुई थी। अमाया का जन्म सर्दियों के मौसम की शुरुआत में परिवार की गाड़ी-घर के निचे एक कम्बल के ऊपर जन्म लिया।[1]

अमाया ने एक ऐसे रोमानी परिवार में जन्म लिया था जिसकी महिलाएँ लम्बे समय से फ़्लामिन्को नृत्य करती आ रही थीं। इनकी माँ मिकायला अमाया मोरेनो स्वभाव में मजबूत और शांत व्यक्ति थीं। हालांकि वे स्वयं उत्कृष्ट नृत्यांगना थीं परन्तु उन्होंने केवल निजी समारोहों में ही अपनी प्रतिभा दिखाई थी। चौदह वर्ष में विवाह होने के पश्चात मिकायला ने दस संतानों को जन्म दिया जिनमें कारमेन जिन्दा बचे छह बच्चो में से दूसरे स्थान पर थीं। इन छह बच्चो में चार लड़कियाँ और दो लड़के थे। इनके पिता, जोसे अमाया, को "एल चिनो" के नाम से भी जाना जाता था, जो स्वयं फ़्लामिन्को गिटारवादक थे। स्पेन के ज्यादातर रोमानी लोगो की तरह इनका परिवार भी अत्यधिक गरीब था। अमाया की माँ चदरें बेचती थीं व पिता इस्तेमाल किए हुए कपड़े खरीदा और बेचा करते थे।[1][2]

बार्सिलोना के एक बगीचे में अमाया का स्मारक

छोटी उम्र से ही अमाया की दिलचस्पी नृत्य में थी। तीन वर्ष की उम्र में वो गाड़ी के ऊपर नाचती थीं और उनके पिता गिटार बजाय करते थे। फ़्लामिन्को नृत्य की समझ रखने वालो का मानना है कि इस कला में केवल छोटी उम्र से ही अभ्यास कर के महारत हासिल की जा सकती है। अमाया ने फ़्लामिन्को अपनी माँ और मौसी के अलावा अपने समय की प्रसिद्ध नर्तकियों जैसे हुआना ला माकार्रोना, ला मलेना और ला सालौद से सीखा। इन्होंने अपने पिता और परिवारिक मित्र राफ़ेल से पुरुष नर्तको द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले तीव्र कदमों के उपयोग को भी सीखा जो एक स्त्री के लिए सामान्य नहीं था। हालांकि इन्होंने नृत्य के गुर विभिन्न लोगो से प्राप्त किए परन्तु इसके आलाव भी इन्होंने छोटी उम्र में ही अपनी शैली विकसित की। इनकी बहन के अनुसार ये अपनी मर्जी अनुसार नाचती थीं, उस तरीके से जैसा इन्हें किसी ने सिखाया भी नहीं था।[2]

अमाया ने पेशेवर रूप से नृत्य चार वर्ष की उम्र से शुरू कर दिया जब इनके पिता इन्हें शराबखानों में अपने साथ ले जाते थे। पिता गिटार बजाते और पुत्री नृत्य करती। दर्शक ज्यादातर स्थानीय व बंदरगाह पर काम करने वाले लोग होते थे जो खुश हो कर फ़र्श पर पैसे फैका करते थे, जिन्हें अमाया इकट्ठा करती थीं। पूरी रात घर की आमदनी के लिए अपनी कला की प्रदर्शन करने के पश्चात अमाया और उनके पिता सुबह घर वापस आते थे। इनके पिता इनसे उच्चतम मानकों की अपेक्षा रखते थे व इनसे दिन में छह घंटे अभ्यास करवाते थे। इनके पिता एक बुद्धिमान व्यक्ति थे जिन्होंने आगे चल कर भी अपनी बेटी के कैरियर को दिशा दी। वो इनके नृत्य प्रदर्शन की व्यवस्था करते थे और इनके द्वारा की गई कमाई से परिवार का पोषण करते थे। हालांकि अमाया का ऐसे काम करना गैर कानूनी था परन्तु इन्होंने इस पेशे को नहीं छोड़ा क्योंकि इनका परिवार बेसहारा था जिसके पास आमदनी का कोई ठोस जरिया नहीं था। एक दिन एक शराबखाने में पुलिस का छापा पड़ने पर इन्होंने छिप कर अपने को बचाया था।[3]

जब अमाया सात वर्ष की हुईं तब तक इनके प्रशंसक इन्हें "ला क्पीटाना" के नाम से पुकारने लगे। ये इनकी फ़्लामिन्को नृत्य में महारत के लिए विख्यात होने लगीं और इतना पैसा जुटाया कि इनके परिवार ने अपना पहला पक्का घर बनाया। जब ये आठ वर्ष की थीं तब अपनी मौसी फ़राओना, जो स्वयं एक प्रसिद्ध नृत्यांगना थीं और माँ की चचेरी बहन के साथ पेरिस एक शो में गईं जिसकी अगुवाई प्रसिद्ध नर्तक और गायक राकेल मेलेर कर रहे थे। वहाँ इन्हें इतनी अधिक सराहना मिली कि मेलेर ने ईर्ष्या में आकर इन्हें वहाँ से निकाल दिया। 1928 में सोमोर्रोस्त्रो छोड़ इनका परिवार बार्सिलोना में एक बेहतर घर में रहने चला गया और 1935 में मैड्रिड चले गए।[3]

1936 में अमाया वायादोलिद में अपनी कला का प्रदर्शन कर रही थीं जब स्पेनी गृहयुद्ध शुरू हो गया। उस समय इनका ज्यादातर परिवार मैड्रिड में ही था परन्तु ये नाव द्वारा अपने पिता और भाई पाको के साथ पुर्तगाल भागने में कामयाब रहीं। इसके कुछ समय पश्चात इन्हें एक महीने तक अर्जेण्टीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स में काम करने का मौका मिला। मैड्रिड में हालत बहुत ख़राब हो चुकी थी, सैंकड़ो लोग मारे जा चुके थे। इस प्रकार की स्थिति इनका पूरा परिवार भी इनके साथ अर्जेण्टीना गया। वहाँ इनको इतना सराहना मिली कि स्थानीय प्रशासन ने एक रंगमंच का नाम इनके नाम पर रखा। इसके 11 वर्षो तक इन्होंने दक्षिण अमेरिका के विभिन्न देशो, जैसे उरुग्वे, ब्राज़ील, चिली, कोलम्बिया और वेनेज़ुएला में अपनी कला की प्रदर्शनी की।[4]

रोमानी परिवार से आने के कारण परिवार के मुख्या अमाया के पिता थे। ये अपने पिता का बहुत सम्मान करती थीं, जो सारा पैसा सम्भालते थे और सारी व्यवस्था करते थे। अमाया को यह तक पता नहीं होता था कि इन्होंने कितना कमाया और उसे पैसे में से कितना खर्च किया गया और इन्हें इसकी चिंता भी नहीं थी। 1936 में इन्होंने अमेरिका जा कर कई फ़िल्मों में काम किया, जिन्होंने बॉक्स-ऑफ़िस पर कई कीर्तिमान बनाए। उनमें से ही एक थी रोमियो और जूलियट की रूपान्तर लॉस त्रान्तोस। इन्हें 1944 में व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डेलानो रूज़वेल्ट ने आमंत्रित किया था और 1953 में हैरी एस ट्रूमैन ने।[5]

सन्दर्भ

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  1. डबलिन 2009, पृ॰ 27.
  2. डबलिन 2009, पृ॰ 28.
  3. डबलिन 2009, पृ॰ 29.
  4. डबलिन 2009, पृ॰ 31.
  5. डबलिन 2009, पृ॰ 33.

ग्रंथानुक्रम

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  • डबलिन, ऐन (2009). Dynamic Women Dancers. सैकंड स्टोरी प्रेस. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-897187-56-2. मूल से 1 जुलाई 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 मार्च 2014.

बाहरी कड़ियाँ

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