कातासिन की लड़ाई
दिखावट
कातासिन की लड़ाई | |||||||
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योद्धा | |||||||
पूर्वी गंगवंश | दिल्ली सल्तनत | ||||||
सेनानायक | |||||||
प्रथम नरसिंह देव | तुघराल तुघन खान |
कातासिन की लड़ाई १२४३ ई. में पूर्वी गंगवंश के प्रथम नरसिंह देव और मामलुक साम्राज्य के बंगाल गवर्नर, तुघराल तुघन खान के बीच लड़ी गई थी। इस लड़ाई में नरसिंह देव प्रथम ने मामलुक सेनाओं को करारी हार दिया और अतिरिक्त क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया।[1]
कटासीन की जीत के बाद नरसिंह देव प्रथम ने लुखनोर और लखनौती पर कब्जा करने के लिए एक और आक्रामक हमला किया।[2] तुगन खान डर के मारे भाग गया और उसने दिल्ली में बादशाह से मदद की गुहार लगाई, लेकिन फिर से बुरी तरह हार गया। इस के बाद बंगाल के कई जिलों को नरसिंह देव प्रथम के साम्राज्य में जोड़ा गया।[3]
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ R. C. Majumdar, ed. (1960). The History and Culture of the Indian People: The Delhi Sultante (2nd ed.). Bharatiya Vidya Bhavan. p. 70.
- ↑ Karuna Sagar Behera (2005). Konark - The Black Pagoda. Publications Division, Ministry of Information & Broadcasting, Government of India. p. 45. ISBN 9788123029979.
- ↑ Glimpses Of Kalinga History by Das, Manmatha Nath. Calcutta: Century Publishers. 1949. pp. 181.