काणि

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एक शोमैन। 1900 के दशक में

काणि आदिवासी भारत के पश्चिमी घाट के दक्षिणी भाग में रहते हैं। मुख्यतः ये केरल के तिरुवनंतपुरम में इलामला में कोट्टायार झील और कोल्लम जिले में रहते हैं। 1980 के दशक में वैज्ञानिकों ने इन्हें आरोग्यपाच नामक पौधे से जीवनी नाम की एक जड़ी बूटी बनाते देखा था। तबसे इन्हें यह जड़ी बूटी बनाने के लिए आर्थिक प्रोत्साहन मुहैया कराया जाता रहा है।[1]

संदर्भ[संपादित करें]


यह भी देखें[संपादित करें]

  • मती मोती