कबीनी वन्य जीव अभ्यारण्य

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कबीनी वन्य जीव अभयारण्य का जानवार
कबीनी राष्ट्रीय उद्यान/अभयारण्य
अवस्थितिमांड्य जिला, कर्नाटक
निकटतम शहरमैसूर, भारत
शासी निकायकर्नाटक पर्यटन

कबीनी वन्य जीव अभयारण्य की गणना भारत के सबसे बेहतर अभयारण्यों में की जाती है। यह कर्नाटक राज्य में मांड्य जिला में नागरहोल अभयारण्य के दक्षिण पूर्व में स्थित है। कावेरी नदी की सहायक कबीनी नदी यही से प्रवाहित होती है। प्राकृतिक सुन्दरता, जीव-जन्तु और चारों तरफ हरियाली से यह जगह बड़ा आर्कषक लगता है।

यहां जानवरों की बहुत-सी दुर्लभ और लुप्तप्राय प्रजातियां पाई जाती हैं। कबीनी को हाथियों के लिए भारत में ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण एशिया में जाना जाता हैं। यहां हाथियों को एक साथ झुंड में घूमते देखा जा सकता है। हाथियों की बड़ी तादाद के कारण इस स्थान को हाथियों का भवन भी कहा जाता है। हाथियों के अलावा यहां तेंदुए, चीतल, सांभर, टाइगर, मगरमच्छ, भालू, आदि पशुओं के अलावा पक्षियों की लगभग 250 प्रजातियां पाई जाती हैं।

कबीनी अभयारण्य पहले मैसूर के राजाओं के शिकार का अड्डा था। लेकिन आजादी के बाद शिकार पर पाबंदी लगाकर इसे हाथी के लिए रिजर्व क्षेत्र घोषित कर दिया गया।

मुख्य आकर्षण[संपादित करें]

जीप सफारी[संपादित करें]

जंगल के रोमांच को नजदीक से देखने और महसूस करने के लिए पर्यटक जीप सफारी का आनंद लेते हैं। ऊंचे और विशाल बांस के पेड़, दूरदराज फैले तालाब, छोटी पहाड़ियों और जीव जन्तुओं को जीप सफारी के माध्यम से अच्छी तरह से देखा जा सकता है। सुबह के समय घास पर दिखाई देने वाले ओंस इस अभ्‍यारण्‍य की खूबसूरती में चार चांद लगा देते हैं।

नौकायन[संपादित करें]

जंगल में मौजूद तालाब में नौकायन पर्यटकों को बहुत लुभाता है। नौकायन करते समय नदी के किनारे अनेक पशुओं को भ्रमण करते हुए देखा जा सकता है। नाव के आसपास पक्षियों के झुंड की उडा़न नौकायन के मजा को दोगुना कर देती है।

हाथी सफारी[संपादित करें]

हाथी की सवारी करके जंगल को देखना ताउम्र न भूलने वाला अनुभव होता है। मस्त चाल चलते हुए हाथियों की ऊंची पीठ से जंगल के जीव जंतु और पर्यावरण का नजारा पर्यटकों को कुछ ज्‍यादा ही लुभाता है। अगर आप हाथियों की जीवन शैली से परिचित होना चाहते है तो कबी‍नी घूमने का कार्यक्रम जल्‍द बना लें।

वनस्पति[संपादित करें]

पेड़ पौधों की विभिन्न वनस्पतियां प्रकृति प्रेमियों को यहां खींच लाती हैं। टीक और युकेलिप्टस के पेड़ यहां बहुतायत में पाए जाते हैं। इसके अलावा अनेक जड़ी बूटियों के पौधे इस जंगल की विशेषता है।

आवागमन[संपादित करें]

वायु मार्ग

नजदीकी एयरपोर्ट बैंगलोर है जोकि 205 किमी दूर स्थित है। यहां से बस या टैक्सी के माध्यम से कबीनी पहुंचा जा सकता है।

रेल मार्ग

नजदीकी रेलवे स्टेशन भी मैसूर है। मैसूर एक्सप्रेस से जाना सबसे उत्तम विकल्प है। इस ट्रेन का बैंगलोर सिटी से प्रस्थान सुबह 7:05 बजे और मैसूर जंक्शन पर आगमन सुबह 10 बजे होता है।

सड़क मार्ग

कर्नाटक राज्य परिवहन की बसें बैंगलोर के सेन्ट्रल बस स्टैंड से प्रतिदिन कबीनी के लिए रवाना होती हैं।