कन्हैया कुमार

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
कन्हैया कुमार

कन्हैया कुमार
जन्म बेगूसराय, बिहार, भारत
राष्ट्रीयता भारतीय
शिक्षा पीएचडी, (जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय दिल्ली)
उल्लेखनीय कार्य {{{notable_works}}}

कन्हैया कुमार अखिल भारतीय छात्र परिषद (AISF) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के पूर्व नेता व वर्तमान में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता हैं। वह 2015 में जेएनयू (जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय) छात्रसंघ के अध्यक्ष पद के लिए चुने गए थे। फरवरी 2016 में   जेएनयू में एक कश्मीरी अलगाववादी, 2001 में भारतीय संसद पर हमले के दोषी, मोहम्मद अफजल गुरु को फांसी के खिलाफ एक छात्र रैली में राष्‍ट्रविरोधी नारे लगाने के आरोप में देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था। उसे दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था।[1] उसे 2 मार्च 2016 में अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया गया था, क्योंकि राष्ट्र विरोधी नारों में भाग लेने का पुलिस द्वारा कुमार का कोई सबूत प्रस्तुत नहीं किया गया।[2][3] इसके इलावा जेएनयू के कुलपति द्वारा गठित एक अनुशासन समिति भी विवादास्पद घटना की जांच कर रही है। प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार पर, कन्हैया कुमार और सात अन्य छात्रों को अकादमिक तौर पर वंचित कर दिया गया।[4] विश्व के सबसे बड़े छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने कन्हैया कुमार का विरोध किया था। उसके ऊपर देशद्रोह का मुकादमा चल रहा है। कन्हैया कुमार की एक किताब छपी थी जिसका नाम बिहार टू तिहार (Bihar to tihar) है। हाल ही इन्होंने, अपनी पूर्व पार्टी छोड़ दी और कांग्रेस के साथ जुड़ गए हैं। इन्हें भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी के साथ भी देखा गया था। अब कांग्रेस पार्टी ने इन्हें, भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ का प्रभारी नियुक्त किया है।[5]

विवाद

कन्हैया कुमार पर देश विरोधी प्रवृत्ति के आरोप लगे थे जिसके कारण काफ़ी विवाद में रहा। ९ फरवरी २०१६ को जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में कन्हैया कुमार की अगवानी में 'भारत तेरे टुकड़े होंगे' और 'अफ़ज़ल हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल जिंदा हैं' के नारे लगाने के आरोप लगे थे मीडिया द्वारा दिखाये गए वीडियो को कांट छांट कर फैलाया गया जिस कारण पुलिस द्वारा न्यायालय में उचित सबूतों के अभाव में उन्हें छोड़ दिया गया । कन्हैया के विरुद्ध राजद्रोह का गुनाह दाखिल किया गया।[6]

राजनीतिक कैरियर

17 वीं लोकसभा चुनाव में बेगूसराय लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से चार लाख 22 हजार मतों के बड़े अंतर से कन्हैया कुमार को हराकर संसद पहुंचने वाले भाजपा के फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह केंद्र में दोबारा मंत्री बने।[7]

सन्दर्भ

  1. "Why an Indian student has been arrested for sedition". बीबीसी न्यूज़. मूल से 17 फ़रवरी 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 17 February 2016.
  2. JNU row: Kanhaiya Kumar gets bail and a lesson on thoughts that ‘infect… (like) gangrene’ Archived 2016-03-03 at the वेबैक मशीन, Indian Express, 3 March 2016.
  3. JNUSU president Kanhaiya Kumar gets clean chit in AAP government appointed probe Archived 2016-12-28 at the वेबैक मशीन, Economic Times, 3 March 2016.
  4. Kanhaiya Had Objected to Cancellation of Permission for Afzal Guru Event: JNU Registrar Archived 2016-03-08 at the वेबैक मशीन, Indian Express, 8 March 2016.
  5. BJP criticises Congress on Kanhaiya Kumar as AICC incharge NSUI
  6. "संग्रहीत प्रति". समाचार. टाइम्स नाउ. २०१९. मूल से 13 अप्रैल 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 13 अप्रैल 2019.
  7. "Begusarai Lok Sabha Election Result 2019: गिरिराज सिंह को मिली जीत". मूल से 3 जून 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 जून 2019.