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कज़ान साम्राज्य

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कज़ान ख़ानत

Казан ханлыгы
1445–1552
Statusख़ानत
राजधानीकज़ान
आधिकारिक भाषा(एँ)तुर्की, तातार
धर्म
इस्लाम
सरकारराजतंत्रीय ख़ानत
ख़ान 
• 1445–1462
महमूदेक (पहला ख़ान)
• 1552
यादीगर मोहम्मद (अंतिम ख़ान)
इतिहास 
• कज़ान का गठन
1445
• रूस द्वारा विजय
1552
अब जिस देश का हिस्सा है Russia

कज़ान ख़ानत (1445–1552) मध्य वोल्गा क्षेत्र में एक शक्तिशाली तातार ख़ानत थी, जो "स्वर्ण कटार" (गोल्डन होर्ड) के विघटन के बाद स्थापित हुई। इसका केंद्र वोल्गा और कामा नदियों के संगम पर स्थित कज़ान शहर था। इस ख़ानत का गठन महमूदेक द्वारा किया गया, जो उलुग-महमूद के पुत्र थे।[1]

स्थापना और प्रारंभिक इतिहास

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कज़ान ख़ानत की स्थापना 1445 में हुई, जब महमूदेक ने अपने पिता की हत्या कर स्वयं को कज़ान का ख़ान घोषित किया।[2] यह ख़ानत पुराने वोल्गा बुल्गार राज्य के क्षेत्र में उभरी थी, जिसे 13वीं शताब्दी में मंगोलों ने विजय किया था। महमूदेक ने स्वर्ण कटार के बचे-खुचे हिस्सों, जैसे अस्त्राखान और क्रीमिया से प्रवासियों को आमंत्रित कर अपनी शक्ति बढ़ाई।[3]

क्षेत्रीय विस्तार और जनसांख्यिकी

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कज़ान ख़ानत का क्षेत्र वोल्गा, कामा और व्यात्का नदियों तक फैला हुआ था।[3] इसका जनसंख्या मिश्रित थी, जिसमें बुल्गार तुर्क, तातार, चुवाश, मरिस, उदमुर्त्स, और अन्य फिनो-उग्रिक जातियाँ शामिल थीं। शासक वर्ग और सैन्य अभिजात वर्ग मुख्यतः तातार मुसलमान थे।[4]

आर्थिक और सांस्कृतिक विकास

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कज़ान ख़ानत के अधिकांश क्षेत्र वन थे, जहाँ शिकार, मधुमक्खी पालन और खेती की जाती थी। यह क्षेत्र उत्तरी रेशम मार्ग और फर व्यापार का केंद्र था। ख़ानत का शहरी क्षेत्र साक्षर था, और कई मदरसों और पुस्तकालयों के कारण कज़ान इस्लामी धर्मशास्त्र, कानून और विज्ञान का केंद्र बन गया।[5]

रूस के साथ संघर्ष

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1460 और 1470 के दशक में कज़ान ख़ानत ने मॉस्को पर कई आक्रमण किए, लेकिन मॉस्को की शक्ति धीरे-धीरे बढ़ने लगी। इवान III और इवान IV ("इवान भयानक") के नेतृत्व में रूस ने कज़ान पर बार-बार हमले किए। 1552 में, इवान IV के चौथे अभियान के दौरान कज़ान को विजय कर लिया गया, और इसका अंतिम ख़ान, यादीगर मोहम्मद, ईसाई धर्म में परिवर्तित होकर रूसी सेवा में शामिल हो गया।[2]

पतन और महत्व

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कज़ान की पराजय के बाद, यह रूस के विस्तार का हिस्सा बन गया। इसके पतन ने वोल्गा क्षेत्र पर रूसी नियंत्रण की नींव रखी और अंततः पूरे क्षेत्र का ईसाईकरण हुआ।[1]

निष्कर्ष

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कज़ान ख़ानत अपने समय की एक प्रमुख शक्ति थी, जिसने क्षेत्रीय व्यापार और सांस्कृतिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हालांकि इसका अंत रूस के हाथों हुआ, लेकिन इसका ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व आज भी तातार और रूसी इतिहास में गहराई से अंकित है।[6]

  1. Davies, Brian L. (2016), "Kazan Khanate", The Encyclopedia of Empire (अंग्रेज़ी में), John Wiley & Sons, Ltd, पपृ॰ 1–3, आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-118-45507-4, डीओआइ:10.1002/9781118455074.wbeoe055, अभिगमन तिथि 2025-01-24
  2. Esposito, John L. EspositoJohn L. (2003-01-01), Esposito, John L. (संपा॰), "Kazan Khanate", The Oxford Dictionary of Islam (अंग्रेज़ी में), Oxford University Press, आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-19-512558-0, डीओआइ:10.1093/acref/9780195125580.001.0001/acref-9780195125580-e-1248, अभिगमन तिथि 2025-01-24
  3. Pelenskyj, Jaroslav Z. (2017-06-26), "II. The Relations Between Muscovy and the Kazan Khanate, 1438–1552", Russia and Kazan: Conquest and imperial ideology (1438–1560s) (अंग्रेज़ी में), De Gruyter Mouton, पपृ॰ 23–62, आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-3-11-152989-9, डीओआइ:10.1515/9783111529899-003/html?lang=en&srsltid=afmboopwzo_uuaswm3kttpmmz7gbntt1u6c9u8cadoqk2j9ainsljipr, अभिगमन तिथि 2025-01-24
  4. Pelenski, Jaroslaw (1967). "Muscovite Imperial Claims to the Kazan Khanate". Slavic Review. 26 (4): 559–576. आइ॰एस॰एस॰एन॰ 0037-6779. डीओआइ:10.2307/2492609.
  5. "Kazan | History, Geography, & Points of Interest | Britannica". www.britannica.com (अंग्रेज़ी में). 2024-12-21. अभिगमन तिथि 2025-01-24.
  6. Pritsak, Omeljan (1967). "Moscow, the Golden Horde, and the Kazan Khanate from a Polycultural Point of View". Slavic Review (अंग्रेज़ी में). 26 (4): 577–583. आइ॰एस॰एस॰एन॰ 0037-6779. डीओआइ:10.2307/2492610.