ऑलिवर क्रॉमवेल
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ऑलिवर क्रॉमवेल (1599-1658) ब्रिटेन का शासक (1653-1658) में था। इसी व्यक्ति ने चार्लस २ को मृत्युदंड दिलवाया था उसने कुछ समय के लिए इंग्लैंड को गणतंत्र में बदल दिया था। 20 अप्रैल 1653 के दिन, ऑलिवर क्रॉमवेल अपने सैनिकों के साथ ब्रिटिश संसद में घुसा था और वहां मौजूद सदस्यों से उसने कहा था-
"यह मेरे लिए सही मौका है, आपके बैठने की इस जगह को खत्म कर देने का, जिसे आपने हर तरह से अपमानित किया है, अपनी बुरी आदतों से अपवित्र किया है। आप अराजक लोग हैं। अच्छी सरकार के दुश्मन हैं। किराये के टट्टू हैं। अभागों के झुण्ड हैं। चाहते हैं कि इसाउ आपके देश को आलुओं के भाव बेच दे, जैसे चन्द रुपयों के लिए जूडस ने अपने प्रभु को धोखा दिया था।
"क्या आपके अंदर एक भी अच्छा गुण बचा है? क्या ऐसा एक भी अवगुण बचा है, जो आपमें नहीं है? आप तो उतने धार्मिक भी नहीं रहे, जितना मेरा घोड़ा है। सोना आपका भगवान है, रिश्वत के लिए आप में से किसने अपना विवेक नहीं खत्म कर डाला है? क्या आपके बीच ऐसा कोई व्यक्ति है जिसे राष्ट्रमण्डल की बेहतरी की जरा-सी भी चिन्ता है? आप अनैतिक लोग! क्या आपने इस पवित्र स्थल को अपवित्र नहीं किया है? आपके अनैतिक सिद्धान्तों और दुष्ट कारनामों ने इस ईश्वर के मंदिर को चोरों के अड्डे में तब्दील नहीं कर दिया है?
"आपलोग पूरे राष्ट्र के लिए अप्रिय और असह्य हो गये हैं। आपको जनता ने अपनी शिकायतों के निवारण के लिए यहां रखा था, और आप यह सब भूल गये। इसलिए, इन सस्ते-चमकते आभूषणों को छीन लो और दरवाजों को बन्द कर दो। किसी अच्छी चीज के लिए आप यहां बहुत देर तक बैठ लिये। मैं कहता हूँ- हटिये। ईश्वर के लिए यहां से जाईये।"
सैनिकों ने एसेम्बली हॉल से सभी सांसदों को बाहर निकाल दिया और फिर वहां ताला लगा दिया।
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