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एल्डोल संघनन

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एल्डॉल संघनन का आण्विक संरचना

एल्डॉल संघनन कार्बनिक रसायन में संघनन अभिक्रिया है जिसमें एल्डॉल अथवा β-हाइड्रोक्स केटायन के बीच एक उत्तेजित युग्मन रहित संघनन होता है। इस प्रक्रिया में दो कार्बनिक यौगिकों के आल्डेहाइड या केटोन समूहों के बीच एक नया β-हाइड्रोक्सी कार्बनिल यौगिक उत्पन्न होता है, जो प्राथमिक रूप से एल्डॉल कहलाता है और यह उत्पन्न यौगिक उसकी प्राथमिक यौगिक (एल्डेहाइड या केटोन) से अलग हो जाती है।[1]

Condensationaldolique

एल्डोल संघनन कार्बनिक संश्लेषण और जैव रसायन में कार्बन-कार्बन बांड बनाने के तरीकों के रूप में महत्वपूर्ण हैं ।

क्रियाविधि (मैकेनिज्म)

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इस अभिक्रिया का पहला भाग एल्डोल अभिक्रिया है और दूसरा भाग निर्जलीकरण है।

सन्दर्भ

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  1. "Mechanism, Crossed Aldol Condensation & FAQs of Aldol Condensation". BYJUS. 2018-07-23. अभिगमन तिथि 2024-06-22.

बाहरी कड़ियाँ

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