एलिआजिंग
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संकेत प्रसंस्करण में, यदि दो अलग-अलग संकेतों का प्रसंस्करण करने के बाद वे अलग-अलग न रहकर एक-जैसा हो जाँय तो इस प्रभाव को एलियाजिंग (aliasing) कहते हैं। किसी संकेत के नमूनों (सैम्पल्स) को पुनः जोड़कर जो संकेत निर्मित होता है, यदि वह संकेत मूल संकेत से भिन्न हो तो भी इस प्रभाव को एलियाजिंग कहते हैं। एलियाजिंग, समय-डोमेन में सैम्पल लेने पर होता है तथा स्पेस-डोमेन में सैम्पल लेने पर भी।