एन॰डी॰ सुन्दरावादिवेलु
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एन॰डी॰ सुन्दरावादिवेलु | |
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![]() | |
जन्म |
1911 |
मृत्यु |
1993 ![]() |
नागरिकता |
भारत, ब्रिटिश राज, भारतीय अधिराज्य ![]() |
व्यवसाय |
सिविल सेवा ![]() |
नायडूपक्कम दुराईस्वामी सुन्दरावादिवेलु (तमिल: நெய்யாடுபாக்கம் துரைசாமி சுந்தரவடிவேலு; १२ अक्टूबर १९११– १२ अप्रैल १९९३) मद्रास विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति थे।[1] उन्हें साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिए भारत सरकार ने १९६१ में पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया।[2][3]
सन्दर्भ[संपादित करें]
- ↑ "Speakers extol the value of functional literacy" (अंग्रेज़ी में). द हिन्दू. २९ जनवरी २०१०. मूल से 12 अक्तूबर 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि १५ जून २०१४.
- ↑ "This day that age" (अंग्रेज़ी में). द हिन्दू. २६ जनवरी २०११. अभिगमन तिथि १५ जून २०१४.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 14 जुलाई 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 जून 2014.
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