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एड्रीनोक्रोम

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एड्रीनोक्रोम (adrenochrome) एड्रीनेलिन (एपिनेफ्रीन) के ऑक्सीकरण से बनने वाला कार्बनिक यौगिक है। 1950 के दशक से 1970 के दशक तक मनोविदलता के सम्भावित कारण के रूप में इसका शोध बहुत सीमित मात्रा में किया गया। हालांकि वर्तमान चिकित्सा में इसका कोई अनुप्रयोग नहीं है लेकिन सेमीकार्बाज़ाइड व्युत्पन्न एवं कार्बाज़ोक्रोम आदि हेमोस्टेटिक दवावों में इसका उपयोग होता है।

यौगिक के नाम में -क्रोम आने के बावजूद इसका क्रोमियम तत्व से कोई सम्बंध नहीं दिखाई देता क्योंकि इसकी शुद्ध अवस्था में रंग गहरा बैंगनी होता है।

रासायनिक

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एड्रीनेलीन को एड्रीनोक्रोम में परिवर्तित करने वाली ऑक्सीकरण अभिक्रिया दोनों विवो और विट्रो दोनों में होती है। इसके लिए प्रयुक्त शुरूआती अभिक्रमकों में सिल्वर ऑक्साइड (Ag2O) एक था[1] लेकिन अन्य ऑक्सीकारी यौगिकों का भी सफलतापूर्वक उपयोग किया जाता है।[2] विलयन में एड्रीनोक्रोम गुलाबी होता है और इसके अधिक ऑक्सीकरण से यह भूरे और काले मेलेनिन यौगिकों में बहुलकीकृत हो जाता है।

सन्दर्भ

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  1. Veer, W. L. C. (1942). "Melanin and its precursors II. On adrenochrome". Recueil des Travaux Chimiques des Pays-Bas. 61 (9): 638–646. डीओआई:10.1002/recl.19420610904.
  2. हीकुक, आरए (1 अप्रैल 1959). "The Chemistry Of Adrenochrome And Related Compounds" (PDF). केमिकल रिव्यूज. 59 (2): 181–237. डीओआई:10.1021/cr50026a001.