एजाडिराच्टिन
एजाडिराच्टिन (azadirachtin) नीम के बीजों में पाया जाने वाला एक द्वितीयक मेटाबोलाइट (जैविक रूप से बनने वाले कार्बनिक यौगिक) है। यह लिमोनोइड समूह से सम्बंधित एक रासायनिक यौगिक है। यह अत्यधिक ऑक्सीकृत टेट्रानोरट्राइटरपेनोइड है जिसमें एनोल ईथर, एसीटल, हेमी एसीटल, टेट्रा प्रतिस्थापित ईपॉक्साइड और अन्य प्रकार के कार्बोक्लिसिक एस्टर सहित ऑक्सीजन युक्त कार्यातमक समूह की अधिकता होती है।
रासायनिक संश्लेषण
[संपादित करें]एजाडिराच्टिन की आण्विक संरचना बहुत जटिल है; इसकी आण्विक ज्यामिति में द्वितीयक और तृतीयक हाइड्रॉक्सिल समूह और टेट्राहाइड्रोफ्यूरान ईथर दोनों स्थित होते हैं, साथ ही इसमें 16 स्टीरियोजेनिक केन्द्र हैं जिनमें से 7 टेट्रा-प्रतिस्थापित हैं। ये विशेषतायें संश्लेषित कार्बनिक रासायनिक में निर्मित यौगिकों में आने वाली कठिनाई की व्याख्या करती है।
अतः यौगिक की खोज के 22 वर्ष बाद इसका पहला सम्पूर्ण संश्लेषित रूप तैयार हुआ। इसका पहला संश्लेषण सन् 2007 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में स्टीवन ले के शोध-समूह द्वारा पूरा किया गया।[1][2]
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ Veitch GE, Beckmann E, Burke BJ, Boyer A, Maslen SL, Ley SV (2007). "Synthesis of azadirachtin: a long but successful journey". Angew. Chem. Int. Ed. Engl. 46 (40): 7629–32. डीओआई:10.1002/anie.200703027. पीएमआईडी 17665403.
- ↑ Sanderson K (August 2007). "Chemists synthesize a natural-born killer". Nature. 448 (7154): 630–1. बिबकोड:2007Natur.448Q.630S. डीओआई:10.1038/448630a. पीएमआईडी 17687288.