एक सौ एकवां संशोधन (भारत का संविधान)
वस्तु एवं सेवा कर विधेयक | |
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भारतीय संसद | |
एक अधिनियम हेतु भारत के संविधान में संशोधन करने के लिए। | |
प्रादेशिक सीमा | भारत |
द्वारा अधिनियमित | लोक सभा |
पारित करने की तिथि | 8 अगस्त 2016 |
द्वारा अधिनियमित | राज्य सभा |
पारित करने की तिथि | 3 अगस्त 2016 |
विधायी इतिहास | |
Bill introduced in the लोक सभा | संविधान (एक सौ बीस-द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2014 |
विधेयक का उद्धरण | 2014 का 192 बिल |
बिल प्रकाशन की तारीख | 19 दिसम्बर 2014 |
द्वारा पेश | अरुण जेटली |
समिति की रिपोर्ट | चयन समिति की रिपोर्ट |
स्थिति : अज्ञात |
निम्न विषय पर आधारित एक शृंखला का हिस्सा |
भारत का संविधान |
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उद्देशिका |
सूची ∙ 1 ∙ 2 ∙ 3 ∙ 4 ∙ 5 ∙ 6 ∙ 7 ∙ 8 ∙ 9 ∙ 10 ∙ 11 ∙ 12 ∙ 13 ∙ 14 ∙ 15 ∙ 16 ∙ 17 ∙ 18 ∙ 19 ∙ 20 ∙ 21 ∙ 22 ∙ 23 ∙ 24 ∙ 25 ∙ 26 ∙ 27 ∙ 28 ∙ 29 ∙ 30 ∙ 31 ∙ 32 ∙ 33 ∙ 34 ∙ 35 ∙ 36 ∙ 37 ∙ 38 ∙ 39 ∙ 40 ∙ 41 ∙ 42 ∙ 43 ∙ 44 ∙ 45 ∙ 46 ∙ 47 ∙ 48 ∙ 49 ∙ 50 ∙ 51 ∙ 52 ∙ 53 ∙ 54 ∙ 55 ∙ 56 ∙ 57 ∙ 58 ∙ 59 ∙ 60 ∙ 61 ∙ 62 ∙ 63 ∙ 64 ∙ 65 ∙ 66 ∙ 67 ∙ 68 ∙ 69 ∙ 70 ∙ 71 ∙ 72 ∙ 73 ∙ 74 ∙ 75 ∙ 76 ∙ 77 ∙ 78 ∙ 79 ∙ 80 ∙ 81 ∙ 82 ∙ 83 ∙ 84 ∙ 85 ∙ 86 ∙ 87 ∙ 88 ∙ 89 ∙ 90 ∙ 91 ∙ 92 ∙ 93 ∙ 94 ∙ 95 ∙ 96 ∙ 97 ∙ 98 ∙ 99 ∙ 100 ∙ 101 |
संबधित विषय |
आधिकारिक रूप से भारत के संविधान का एक सौ एकवां संशोधन अधिनियम 2016, वस्तु एवं सेवा कर को जोड़ने वाला संशोधन है।[1] इससे 1 जुला 2017 से वस्तु और सेवा कर लागु हुआ।[2] इसे भारत के संविधान में एक सौ बाईसवें संशोधन बिल के रूप में प्रस्तुत किया गया।[3] भारत में वस्तु एवं सेवा कर विधेयक एक बहुचर्चित विधेयक है जिसमें 1 जुलाई 2017 से पूरे देश में एकसमान मूल्य वर्धित कर लगाने का प्रस्ताव है। इस कर को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कहा गया है। यह एक अप्रत्यक्ष कर होगा जो पूरे देश में निर्मित उत्पादों और सेवाओं के विक्रय एवं उपभोग पर लागू होगा। 03 अगस्त 2016 को राज्यसभा में यह बिल पारित हो गया।
वस्तु एवं सेवा कर भारत की सबसे महत्वाकांक्षी अप्रत्यक्ष कर सुधार योजना है, जिसका उद्देश्य राज्यों के बीच वित्तीय बाधाओं को दूर करके एक समान बाजार को बांध कर रखना है। यह संपूर्ण भारत में वस्तुओं और सेवाओं पर लगाया जाने वाला एकल राष्ट्रीय एकसमान कर है। वर्तमान में अप्रत्यक्ष कर प्रणाली, आपूर्ति श्रृंखला के विभिन्न स्तरों पर केंद्र और राज्यों द्वारा लगाये जाने वाले बहु-स्तरीय करों में फंसी हुई है, जैसे आबकारी कर, चुंगी, केंद्रीय बिक्री कर (सीएसटी) और मूल्य वर्धित कर इत्यादि। जीएसटी में ये सभी कर एक एकल शासन के तहत सम्मिलित हो जायेंगे।.[4]
जीएसटी के अंतर्गत तीन प्रकार के अलग अलग कर लगाये जायेंगे| राज्य के अंतर्गत की गयी सप्लाई पर केंद्रीय जीएसटी (सिजीएसटी) और राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) लगाया जाएगा तथा राज्य के बाहर की गयी सप्लाई पर आईजीएसटी लगाया जाएगा| यदि अपनाया गया, तो जीएसटी विसंगतियों को दूर करके कर प्रशासन को अत्यंत सरल बना देगा। केंद्र और राज्य वस्तुओं और सेवाओं पर समान दरों पर कर अधिरोपित करेंगे। उदाहरणार्थ, यदि किसी वस्तु पर 20 प्रतिशत मान्य दर है, तो केंद्र और राज्य दोनों 10-10 प्रतिशत कर संग्रहित करेंगे। आगम को वित्त आयोग द्वारा सुझाये गए न्यागमन सूत्र के अनुसार साझा किया जायेगा।
बिल पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर और राजपत्र के रूप में 8 सितम्बर 2016 को जारी हुआ।[5] केंद्र सरकार के अनुसार जीएसटी 1 जुलाई 2017 से लागू कर किया गया।[6]
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ जीएसटी एफएक्यू (PDF). नई दिल्ली: केन्द्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड. 2017. पृ॰ 16. मूल (PDF) से 3 जनवरी 2024 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 अक्तूबर 2024.
- ↑ "Stage set for GST rollout on 1 July". 16 January 2017.
- ↑ संविधान (एक सौ बाईसवां संशोधन) विधेयक, 2014 (PDF). छत्तीसगढ़ विधानसभा. 2017.
- ↑ "Stage set for GST rollout on 1 July". 16 January 2017.
- ↑ "संविधान एकसौ एकवां संशोधन अधिनियम, 2016".
- ↑ "रोज़गार समाचार". www.rojgarsamachar.gov.in. अभिगमन तिथि 2024-10-15.
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]जी एस टी बिल यानी वस्तु और सेवा कर अधिनियम (नवभारत टाइम्स)
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