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एंटिओक

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अन्ताकिया
Ἀντιόχεια
वैकल्पिक नाम अन्तिओक
स्थान वर्तमान तुर्की में हाटे प्रांत
क्षेत्र मध्य पूर्व
इतिहास
निर्माता सेल्यूसस प्रथम निकेटर
स्थापित 300 ईसा पूर्व
परित्यक्त मध्यकाल
काल हेलेनिस्टिक, रोमन, बीजान्टिन
स्थल टिप्पणियां
स्थिति अवशेष
स्वामित्व सार्वजनिक
सार्वजनिक अभिगम हां

अन्ताकिया प्राचीन सीरिया का एक महत्वपूर्ण नगर था, जिसकी स्थापना 300 ईसा पूर्व में सेल्यूसिड सम्राट सेल्युकस प्रथम निकेटर ने की थी। यह सेल्यूसिड साम्राज्य की राजधानी थी और बाद में रोमन तथा बीजान्टिन साम्राज्यों के दौरान भी एक प्रमुख नगर बना रहा। ईसाई धर्म के इतिहास में इस नगर का विशेष महत्व है, क्योंकि यहीं पर ईसा मसीह के अनुयायियों को पहली बार "ईसाई" कहा गया था।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

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अन्ताकिया यूनानी, रोमन और बीजान्टिन युग में एक समृद्ध नगर था। रोमन शासनकाल में, यह एक प्रमुख व्यापारिक, धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र बन गया था। सम्राट कॉन्स्टेंटाइन के शासनकाल में इस नगर ने ईसाई धर्म की ओर एक महत्वपूर्ण मोड़ लिया। चौथी शताब्दी में, जॉन क्राइसोस्टम ने यहाँ प्रचार किया और इस नगर को पूरी तरह ईसाई घोषित कर दिया।[1]

धार्मिक महत्व

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ईसाई धर्म में अन्ताकिया का एक विशेष स्थान है। निकिया की परिषद (325 ई.) ने इस नगर को रोमन, अलेक्ज़ान्द्रिया और यरूशलम के साथ ईसाई धर्म के चार मुख्य केंद्रों में स्थान दिया। चौथी शताब्दी में यहाँ पर मठवासी परंपरा फली-फूली, जिसमें स्तंभ-संन्यास और रेगिस्तानी तपस्वी परंपराएँ शामिल थीं।[2]

चर्च और मिशनरी कार्य

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अन्ताकिया में कई प्रमुख चर्चों की स्थापना हुई, जिनमें सबसे प्रसिद्ध "ग्रेट चर्च" थी, जिसका निर्माण सम्राट कॉन्स्टेंटाइन और उनके पुत्र कॉन्स्टेंटियस ने करवाया था। यह नगर ईसाई धर्म के प्रसार का एक बड़ा केंद्र बन गया और यहाँ से मिशनरियों को अरब, भारत (मालाबार तट), अर्मेनिया, मेसोपोटामिया और फारस भेजा गया।[2]

अरब विजय और पतन

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7वीं शताब्दी में, अन्ताकिया पर मुस्लिम अरबों का कब्जा हो गया, जिसके बाद यह नगर ईसाई धर्म के केंद्र के रूप में अपनी पूर्व प्रतिष्ठा पुनः प्राप्त नहीं कर सका। धीरे-धीरे यह व्यापार और राजनीतिक प्रभाव में गिरावट का शिकार हो गया।[1]

सांस्कृतिक योगदान

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अन्ताकिया को प्रारंभिक ईसाई धर्म के विकास में अग्रणी भूमिका निभाने का श्रेय दिया जाता है। इस नगर में विकसित "अन्ताकियाई धर्मशास्त्र" ने ईसाई धर्म में मसीह के मानव और दिव्य स्वभाव के मुद्दों पर गहन बहस को जन्म दिया।[3]

निष्कर्ष

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अन्ताकिया प्राचीन विश्व का एक प्रमुख नगर था, जो धार्मिक, सांस्कृतिक और व्यापारिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण था। रोमन और बीजान्टिन काल में इसकी समृद्धि चरम पर थी, लेकिन अरब विजय के बाद यह धीरे-धीरे अपने पूर्व गौरव को खो बैठा।[3]

  1. Wasson, Donald L. "Antioch". World History Encyclopedia (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2025-01-28.
  2. Kurian, George Thomas (2011), "Antioch", The Encyclopedia of Christian Civilization (अंग्रेज़ी में), John Wiley & Sons, Ltd, आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-470-67060-6, डीओआइ:10.1002/9780470670606.wbecc1559, अभिगमन तिथि 2025-01-28
  3. "History of Antioch | Britannica". www.britannica.com (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2025-01-28.