ऋग्वेद के मंडल

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ऋग्वेद[1][संपादित करें]

  • ऋग्वेद में स्तोत्रों को संकलित किया गया है
  • ऋग्वेद में 1028 सूक्त(ऋचाएं)संकलित हैं  
  • ऋग्वेद 10 मंडलों में विभाजित है
  • ऋग्वेद की मूल लिपि  ब्राह्मी को माना जाता है
  • ऋग्वेद में 10580 मंत्र है
  • ऋग्वेद के मंत्रों को उच्चारित करके यज्ञ संपन्न कराने वाले पुरोहित को होतृ(होता)कहा जाता था

ऋग्वेद के दस मंडल एवं उनके रचियता[संपादित करें]

मंडल रचियता
प्रथम अनेक ऋषि
द्वित्तीय गृत्समद
तृत्तीय विश्वामित्र
चतुर्थ वामदेव
पंचम अत्रि
षष्ठ भारद्वाज
सप्तम वशिष्ठ
अष्ठम आंगिरस,कण्व
नवम अनेक ऋषिगण
दशम अनेक ऋषिगण
  • ऋग्वेद के तीसरे मंडल में गायत्री मंत्र वर्णित है
  • गायत्री मंत्र के रचनाकार विश्वामित्र हैं
  • गायत्री मंत्र सूर्य देवता(सविता) को समर्पित है
  • ऋग्वेद के नौवें मंडल के सभी मंत्र जो कि 114 हैं, सोम को समर्पित हैं
  1. Vats, Sachin (2021-09-20). "Vedic Kaal | Rig Vedic Kaal | Uttar Vedic Kaal |ऋग्वेद|सामवेद|यजुर्वेद". Pandit Ji Education (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2023-10-21.