उषा खन्ना
उषा खन्ना | |
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जन्म | भारत |
पेशा | संगीत निर्देशक |
कार्यकाल | 1959 – अब तक |
जीवनसाथी | सावन कुमार टाकी (अलग) |
उषा खन्ना (जन्म: 7 अक्टूबर 1941) हिन्दी सिनेमा में एक भारतीय संगीत निर्देशिका रही हैं। वह कुछ चुनिंदा महिला संगीतकारों में से एक है और पुरुष प्रधान संगीत उद्योग में सबसे अधिक व्यावसायिक रूप से सफल संगीत निर्देशकों में से एक है। उन्होंने दिल देके देखो (1959) से संगीत निर्देशक के रूप में पदार्पण किया था।[1] एक बड़ी हिट फिल्म सौतन (1983) के गीतों की रचना के लिए उन्हें फिल्मफेयर पुरस्कार में नामांकन मिला था। उनकी शादी निर्देशक, निर्माता, गीतकार, सावन कुमार टाक से हुई, जिनसे वे बाद में अलग हो गई।[2]
करियर
[संपादित करें]लोकप्रिय संगीत निर्देशक ओ॰ पी॰ नैय्यर ने उषा खन्ना को उस समय भारतीय फिल्म उद्योग के एक शक्तिशाली व्यक्ति शशधर मुखर्जी से मिलवाया। उन्होंने मुखर्जी के लिए एक गीत गाया, और जब उन्होंने महसूस किया कि उन्होंने अपने दम पर इस गीत की रचना की है, तो उन्होंने उन्हें एक वर्ष के लिए प्रति दिन दो गीतों की रचना करने के लिए कहा। कुछ महीनों के बाद, मुखर्जी ने अपनी फिल्म दिल देके देखो (1959) के संगीतकार के रूप में उन्हें पहला काम दिया। इस फिल्म से अभिनेत्री आशा पारेख की भी शुरुआत हुई और फिल्म एक बड़ी हिट बनी। मुखर्जी ने एक और आशा पारेख अभिनीत फिल्म हम हिन्दुस्तानी (1960) के लिए फिर से उन्हें काम पर रखा।
हिन्दी फिल्मों के लिए कई हिट गानों के निर्माण के बावजूद उन्होंने खुद को एक संगीत निर्देशक के रूप में स्थापित करने के लिए संघर्ष किया। उन्होंने अक्सर आशा भोसले और मोहम्मद रफ़ी के साथ गीतों का निर्माण किया। सावन कुमार अक्सर उषा खन्ना के लिए गीतकार होते थे और उन्होंने उनके संगीत के लिए अधिकांश गीत लिखें थे। उन्होंने ग्यारह फिल्मों का निर्देशन और निर्माण किया, जिसके लिए उन्होंने संगीत तैयार किया। 1979 में येसुदास को फिल्म दादा में उनके गीत "दिल के टुकडे टुकडे" के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार मिला था।[3] उन्होंने उन गायकों को मौका दिया, जो उस समय बहुत कम जाने जाते थे - अनुपमा देशपांडे, पंकज उधास, हेमलता, मोहम्मद अज़ीज़, रूप कुमार राठौड़, शब्बीर कुमार और सोनू निगम। इनमें से कई उल्लेखनीय गायक बन गए। नब्बे के दशक के मध्य तक उषा खन्ना एक संगीतकार के रूप में काफी सक्रिय रहीं। अब तक, उनके संगीत दी हुई आखिरी फिल्म 2003 में जारी हुई, दिल परदेसी हो गया (2003) थी, जिसका निर्माण और निर्देशन उनके पूर्व पति सावन कुमार ने किया था।
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ मिश्र, यतींद्र (13 अगस्त 2017). "ऊषा खन्ना: धुनों में शालीनता का सामंजस्य". बीबीसी हिन्दी. Archived from the original on 15 फ़रवरी 2019. Retrieved 15 फरवरी 2019.
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(help) - ↑ "Fairer sex makes a mark in cinema". The Times of India. 8 March 2011. Retrieved 16 October 2014.
- ↑ "जिंदा है यह मशहूर संगीतकार, अखबार ने छापी थी मरने की खबर". पत्रिका. 21 जुलाई 2016. Archived from the original on 15 फ़रवरी 2019. Retrieved 15 फरवरी 2019.
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