उर्वह बिन मसऊद
उरवह इब्न मसऊद (अरबी: عَرْوَة ٱبْبن مَسْود) ताइफ़ के एक सकीफ़ी सरदार थे जो मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के साथी बन गये। वह इस्लाम स्वीकार करने वाले अपने कबीले के लोगों में से पहले थे। रसूल अल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने उसे दिखने में ईसा अलैहिस्लाम के समान बताया। वे अरबों के उन प्रतिष्ठित लोग में थे, जो हुदैबिया शांति वार्ता में शामिल हुए थे।
नाम और वंशावली
[संपादित करें]उरवह नाम, अबू मसऊद उपनाम, वंशावली उरवह बिन मसऊद बिन मालिक बिन क'अब बिन अम्र बिन साद बिन औफ बिन सकीफ बिन मंबह बिन बकर बिन हुवाज़िन बिन इकरमा बिन ख़ुस्फ़ा बिन क़ैस अयलान।
मृत्यु
[संपादित करें]इस्लाम स्वीकार करने के बाद, उन्होंने रसूल अल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) से अपने कबीले में इस्लाम फैलाने की अनुमति मांगी। रसूल अल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) बनू थकीफ की कुटिल प्रकृति और उनके अहंकार को पूरी तरह से समझते थे। उन्होंने कहा, "ये लोग आपसे लड़ेंगे?" उरवह इब्न मसऊद ने जवाब दिया वे लोग मुझ पर बहुत विश्वास करते हैं और मुझसे बहुत प्यार करते हैं और वे आपकी अनुमति से बनू सकीफ के पास ताइफ़ लौट आए। उरवह इब्न मसऊद को बनू सकीफ पर बहुत विश्वास था, इसलिए आते ही उसने अपने इस्लाम की घोषणा की और अपने लोगों को इस्लाम स्वीकार करने के लिए आमंत्रित किया। मगर वे आपके दुश्मन हो गये और उनकी दावत का जवाब तीरों से दिया।