उदयपुरी महल

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उदयपुरी महल साहिबा (मौत 8 जून 1707 से कुछ समय पहले ) मुग़ल सम्राट औरंगज़ेब की बीबी थी।

जीवनकथा[संपादित करें]

उदयपुरी महल एक ग़ुलाम कनीज़ थी, न कि औरंज़ेब की शादीशुदा पत्नी - यह बात औरंगज़ेब के अपने शब्द द्वारा साबित होती है। जिंजी की घेराबंदी के दौरान जब उसके पुत्र मुहँमद काम बख़्श ने दुश्मन का सामना किया तो औरंगज़ेब ने ग़ुस्से में कहा, "एक ग़ुलाम कनीज़ का बेटा अच्छा नहीं होता"। समकालीन वनिशियन मुसाफ़िर मनुकी ने उसका ज़िक्र दारा शिकोह के हरम की कश्मीरी या जॉर्जियन ग़ुलाम कनीज़ के रूप में किया, जो अपने स्वामी के पतन पर, उसके स्वामी को हराने वाले विजेता के ज़नानख़ाने में शामिल हो गई। वह जवान औरत थी जब 1667 में वह पहली बार माँ बनी। उसने अपनी जवानी से अपनी मौत तक सम्राट औरंगज़ेब पर अपना प्रभाव बरक़रार रखा, और बूढ़ापे में वह उसकी ख़ास साथी रही। उसकी सुंदरता के नशे में औरंगज़ेब ने मुहँमद काम बख़्श की सारी ग़लतियों को माफ़ कर दिया और शराबी के शिकंजे को नज़रअंदाज़ किया, जिससे मुग़ल दरबार के कट्टर मुसलमान काफ़ी नाराज़ हुए।