उत्तर अमेरिका में 1812 का युद्ध
सन् 1812 का युद्ध संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्रिटेन के बीच सन् 1812 से सन् 1815 तक लड़ा गया। यह युद्ध मुख्य रूप से ब्रिटेन और फ्रांस के बीच चल रहे नेपोलियन युद्धों के दौरान आर्थिक संघर्ष और समुद्री विवादों के कारण हुआ। ब्रिटेन द्वारा अमेरिकी जहाजों को रोकने और अमेरिकी नाविकों को जबरन अपने जहाजों में शामिल करने की नीति (इंप्रेसमेंट) ने अमेरिका में गुस्सा भड़काया। इस युद्ध का उद्देश्य ब्रिटिश प्रभाव को समाप्त करना, कनाडा पर अधिकार करना और अमेरिकी समुद्री स्वतंत्रता की रक्षा करना था।
1812 का युद्ध | |||||||
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नेपोलियन युद्ध का भाग | |||||||
War of 1812 montage.png 1812 के युद्ध की प्रमुख घटनाएँ | |||||||
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योद्धा | |||||||
संयुक्त राज्य अमेरिका | ब्रिटेन कनाडा मूल अमेरिकी जनजातियाँ | ||||||
सेनानायक | |||||||
जेम्स मैडिसन ऐन्ड्रयू जैकसन |
जनरल इसाक ब्रॉक टेकमसेह | ||||||
शक्ति/क्षमता | |||||||
35,800 सैनिक | 48,000 सैनिक | ||||||
मृत्यु एवं हानि | |||||||
लगभग 15,000 मृत या घायल | लगभग 8,600 मृत या घायल |
पृष्ठभूमि
[संपादित करें]1812 का युद्ध ब्रिटेन और फ्रांस के बीच लंबे समय से चले आ रहे नेपोलियन युद्धों की पृष्ठभूमि में हुआ। दोनों देशों ने एक-दूसरे पर आर्थिक दबाव बनाने के लिए व्यापार प्रतिबंध और समुद्री नाकेबंदी की नीति अपनाई। इस संघर्ष में, ब्रिटिश नौसेना ने अमेरिकी जहाजों को रोका और अमेरिकी नाविकों को अपने जहाजों पर मजबूर किया। इस नीति ने अमेरिका की समुद्री स्वतंत्रता पर खतरा पैदा किया।[1]
अमेरिकी राष्ट्रपति थॉमस जेफरसन ने ब्रिटेन के साथ विवादों को सुलझाने के लिए कूटनीतिक प्रयास किए, लेकिन सफल नहीं हो सके। 1807 में "चेसेपीक-लेओपार्ड" घटना, जिसमें एक ब्रिटिश युद्धपोत ने अमेरिकी युद्धपोत चेसेपीक पर हमला किया, ने अमेरिका में युद्ध की मांग को बढ़ा दिया। इसके बाद अमेरिकी कांग्रेस ने व्यापार पर रोक लगाने के लिए एम्बार्गो अधिनियम लागू किया, लेकिन इससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था को नुकसान हुआ।[2]
युद्ध की शुरुआत
[संपादित करें]18 जून 1812 को, राष्ट्रपति जेम्स मैडिसन ने ब्रिटेन के खिलाफ युद्ध की घोषणा की। अमेरिका की रणनीति कनाडा पर कब्जा कर इसे ब्रिटेन के साथ समझौते के लिए इस्तेमाल करने की थी। हालांकि, अमेरिकी सेना खराब तरीके से तैयार थी और उसकी सैन्य संरचना कमजोर थी। कनाडा में ब्रिटिश सेनाओं और उनके मूल अमेरिकी सहयोगियों ने प्रारंभिक बढ़त बनाई। जनरल इसाक ब्रॉक के नेतृत्व में ब्रिटिश और मूल अमेरिकी बलों ने कई महत्वपूर्ण जीत हासिल की, जिसमें डेट्रॉइट का आत्मसमर्पण भी शामिल था।[3]
भूमि और समुद्री युद्ध
[संपादित करें]भूमि पर अमेरिकी प्रयास ज्यादातर असंगठित और कमजोर थे। अमेरिकी सेना को प्रारंभिक लड़ाइयों में कई हार का सामना करना पड़ा। हालांकि, उत्तरी पश्चिमी क्षेत्र में अमेरिकी सेनाओं ने कुछ सफलताएँ प्राप्त कीं। 1813 में, ओलिवर हैजार्ड पेरी ने झील एरी पर जीत हासिल की, जिससे ब्रिटिश सप्लाई लाइनें बाधित हो गईं। इसके बाद, टेम्स नदी की लड़ाई में जनरल विलियम हेनरी हैरीसन ने टेकमसेह के नेतृत्व वाली भारतीय गठबंधन सेना को हराया।[3]
समुद्र पर, अमेरिकी नौसेना ने अपेक्षाकृत अच्छा प्रदर्शन किया। अमेरिकी युद्धपोत जैसे यूएसएस कांस्टीट्यूशन ने कई ब्रिटिश जहाजों को हराया, जिससे नौसेना का मनोबल बढ़ा। हालांकि, ब्रिटिश नौसेना ने अंततः अमेरिकी तट पर नाकेबंदी कर दी, जिससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव पड़ा।[4]
1814: निर्णायक वर्ष
[संपादित करें]1814 में, नेपोलियन के पतन के बाद, ब्रिटेन ने अमेरिकी मोर्चे पर अधिक सैनिक तैनात किए। ब्रिटिश सेनाओं ने वाशिंगटन डी.सी. पर हमला किया और व्हाइट हाउस और कैपिटल को जला दिया। हालांकि, बाल्टीमोर में फोर्ट मैकहेनरी की रक्षा ने ब्रिटिश आक्रमण को रोक दिया। यह घटना "द स्टार-स्पैंगल्ड बैनर" के रूप में राष्ट्रीय गान की प्रेरणा बनी।[2]
उत्तरी न्यूयॉर्क में लेक शैम्पलेन पर अमेरिकी नौसेना की जीत ने ब्रिटिश आक्रमण को रोक दिया। इसके अलावा, जनरल एंड्रयू जैक्सन ने न्यू ऑरलियन्स की लड़ाई में ब्रिटिश सेनाओं को निर्णायक रूप से हराया। यह लड़ाई तब हुई जब शांति संधि पर पहले ही हस्ताक्षर किए जा चुके थे।[2]
गेंट की संधि और परिणाम
[संपादित करें]24 दिसंबर 1814 को बेल्जियम के गेंट में युद्धविराम के लिए संधि पर हस्ताक्षर किए गए। यह संधि "पूर्व-युद्ध की स्थिति" को बहाल करती थी। इसमें न तो क्षेत्रीय परिवर्तन हुए और न ही प्रमुख विवादों का समाधान हुआ, जैसे कि इंप्रेसमेंट का मुद्दा।[1]
हालांकि, इस युद्ध ने अमेरिका में राष्ट्रीय गर्व को बढ़ावा दिया और इसे "द्वितीय स्वतंत्रता युद्ध" के रूप में देखा गया। युद्ध के बाद, ब्रिटेन और अमेरिका के बीच संबंध बेहतर हुए, और दोनों देशों ने फिर कभी एक-दूसरे के खिलाफ युद्ध नहीं लड़ा।[4]
युद्ध के बाद के प्रभाव
[संपादित करें]1812 के युद्ध ने अमेरिकी सेना और नौसेना को पुनर्गठित और मजबूत करने का मार्ग प्रशस्त किया। 1815 के बाद, वेस्ट प्वाइंट सैन्य अकादमी को पुनर्गठित किया गया, जिससे सैन्य अधिकारियों का प्रशिक्षण बेहतर हुआ। यह युद्ध अमेरिकी औद्योगिक, परिवहन, और वाणिज्यिक क्रांतियों के लिए उत्प्रेरक बना।[2]
युद्ध के दौरान प्रशिक्षित सैन्य नेताओं ने बाद के दशकों में अमेरिकी सैन्य अभियानों का नेतृत्व किया। जनरल जैकब ब्राउन, विनफील्ड स्कॉट, और ज़ाचरी टेलर जैसे नेता राष्ट्रीय रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने लगे। 1846 में, इन्हीं सुधारों ने अमेरिकी सेना को मेक्सिको के खिलाफ अपनी सैन्य शक्ति को सफलतापूर्वक प्रोजेक्ट करने में सक्षम बनाया।[3]
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ अ आ Mayo-Bobee, Dinah (2018), "War of 1812", The Encyclopedia of Diplomacy (in अंग्रेज़ी), John Wiley & Sons, Ltd, pp. 1–5, doi:10.1002/9781118885154.dipl0312, ISBN 978-1-118-88515-4, retrieved 2025-01-19
- ↑ अ आ इ ई Watson, Samuel (2011), "War of 1812", The Encyclopedia of War (in अंग्रेज़ी), John Wiley & Sons, Ltd, doi:10.1002/9781444338232.wbeow682, ISBN 978-1-4443-3823-2, retrieved 2025-01-19
- ↑ अ आ इ "War of 1812 | History, Summary, Causes, Effects, Timeline, Facts, & Significance | Britannica". www.britannica.com (in अंग्रेज़ी). 2024-12-16. Retrieved 2025-01-19.
- ↑ अ आ Horsman, Reginald (1991). "The War of 1812 Revisited". Diplomatic History (in अंग्रेज़ी). 15 (1): 115–124. doi:10.1111/j.1467-7709.1991.tb00122.x. ISSN 1467-7709.
बाहरी कड़ियाँ
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War of 1812 से संबंधित मीडिया विकिमीडिया कॉमंस पर उपलब्ध है। |