उत्तराखण्ड के भोटिया

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River
Ganga
Dhauli
Yankti
Yankti
Khola
Pass
भोटिया लोग तिब्बती मूल के माने जाते हैं, जो महान हिमालय के ऊपरी क्षेत्रों में भारत-तिब्बत सीमा पर 6,500 फीट (2,000 मी॰) से 13,000 फीट (4,000 मी॰) ऊंचाई पर रहते हैं। उत्तराखंड में वे सात नदी घाटियों में निवास करते हैं, तीन गढ़वाल मंडल में (जाध, माना और नीति) और चार कुमाऊं मंडल में (जोहार, दारमा, ब्यांस और चौदांस)। उत्तराखण्ड के भोटिया हिंदू धर्म के साथ बौद्ध धर्म का भी पालन करते हैं और पारंपरिक रूप से पुरानी झांगझुंग भाषा से संबंधित पश्चिमी हिमालयी भाषा बोलते हैं। उनका मुख्य पारंपरिक व्यवसाय भारत-तिब्बत व्यापार हुआ करता था, जिसमें सीमित मात्रा में कृषि और पशुपालन भी शामिल था। [1] 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद भारत-तिब्बत व्यापार रुक गया था जो फिर से 1990 के दशक के प्रारंभ किया जा सका। वर्तमान समय में उनकी आजीविका का मुख्य साधन हिमालय में औषधीय और सुगंधित पौधों का संग्रह है। बहुत से लोग अपने पारम्परिक आवासों को छोड़कर निचले क्षेत्रों में स्थित शहरों की ओर पलायन कर गए हैं। उनके पारंपरिक पारगमन और पशुचारण में भी भारी कमी आई है। [2]
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ Chatterjee, The Bhotias of Uttarakhand (1976).
- ↑ Pandey, Abhimanyu; Pradhan, Nawraj; Chaudhari, Swapnil; Ghate, Rucha (2017-01-02). "Withering of traditional institutions? An institutional analysis of the decline of migratory pastoralism in the rangelands of the Kailash Sacred Landscape, western Himalayas". Environmental Sociology. 3 (1): 87–100. डीओआई:10.1080/23251042.2016.1272179.
