इलेर्दा का युद्ध

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इलेर्दा का युद्ध (Battle of Ilerda) इटली के इतिहास में बड़े महत्त्व का था। यह 49 ई.पू. मार्च 9 और जुलाई 2 के बीच लड़ा गया था। इसके नायक प्रजातांत्रिक दल के नेता जूलियस सीज़र और अभिजातवर्ग के नेता पांपेइ थे। सीज़र ने अपने दो महीनों के अभियान में समूचे इटली पर अधिकार कर लिया। फिर भी वह इटली का स्वामी न हो सका क्योंकि पांपेइ की शक्ति ग्रीस आदि पूर्वी देशों में बड़ी थी और वह इटली को मिस्र, सिसिली और सार्दीनिया से जानेवाली रसद काट सकता था, फिर उसकी स्पेनी सेनाएँ इटली और गाल दोनों के लिए भीषण खतरा थीं। अतः सीज़र पहले स्पने की ओर बढ़ा। वहाँ पांपेइ स्वयं तो नहीं था पर उसके शक्तिमान सेनापति अफ्रानियस और पेत्रियस विशाल सेनाओं के साथ संनद्ध थे। इलेर्दा के सिकोरिस नदवर्ती कस्बे में उनकी सेनाएँ पड़ाव डाले जमी थीं। सीज़र ने हमला किया पर उसे मुँह की खानी पड़ी। फिर तो रक्तपात छोड़ चालों की लड़ाई शुरू हुई। दाँवपेंच चलने लगे और अंत में अफ्रानियस की सेनाओं को घेर, उसे जलविहीन कर सीज़र ने संधि करने पर मजबूर किया। चालों और बातों की लड़ाई में इलेर्दा के युद्ध के समान संसार का संभवतः कोई दूसरा युद्ध नहीं। राजनीतिक दृष्टि से भी इसने पांपेइ को यूरोप से काट दिया और उसे एशियाई देशों में शरण लेते हुए अपनी मौत की ओर प्रयाण करना पड़ा।

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