इन्द्रवर्मन पंचम
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इन्द्रवर्मन पंचम | |||||||||||||
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चम्पा के राजा | |||||||||||||
चम्पा के राजा | |||||||||||||
शासनावधि | 1257–1288 | ||||||||||||
पूर्ववर्ती | जय इन्द्रवर्मन षष्टम | ||||||||||||
उत्तरवर्ती | जय सिंहवर्मन तृतीय | ||||||||||||
जन्म | चम्पा | ||||||||||||
निधन | 1288 चम्पा | ||||||||||||
जीवनसंगी | परमरत्नस्त्री सूर्यलक्ष्मी गौरेन्द्रक्ष्मी | ||||||||||||
संतान | जय सिंहवर्मन तृतीय राजकुमारी सूर्यदेवी | ||||||||||||
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इन्द्रवर्मन पंचम, हरिदेव अथवा जय सिंहवर्मन चम्पा के राजा थे जिन्का कार्यकाल उनके चाचा जय इंद्रवर्मन षष्टम की हत्या के समय सन् 1257 से आरम्भ हुआ हालांकि सन् 1266 तक उनका राज्याभिषेक नहीं हुआ।[1]
परिवार
[संपादित करें]पत्नियाँ
[संपादित करें]- रानी परमरत्नस्त्री
- रानी सूर्यलक्ष्मी
- रानी गौरेन्द्रक्ष्मी
संतान
[संपादित करें]- राजकुमारी सूर्यदेवी, रानी परमरत्नस्त्री के साथ।
- राजकुमार हरीजीत परमतमज, रानी गौरेन्द्रक्ष्मी के साथ।
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ Coedès, George (1968). Walter F. Vella (ed.). The Indianized States of Southeast Asia. trans.Susan Brown Cowing. University of Hawaii Press. ISBN 978-0-8248-0368-1.
पूर्वाधिकारी जय इन्द्रवर्मन षष्टम 1254–1257 |
चम्पा के राजा 1257–1288 |
उत्तराधिकारी जय सिंहवर्मन तृतीय 1288–1307 |
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