इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय
ध्येय | पीपुल्स यूनिवर्सिटी |
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प्रकार | सार्वजनिक, केंद्रीय विश्वविद्यालय |
स्थापित | 1985 |
कुलाधिपति | भारत के राष्ट्रपति (द्रौपदी मुर्मू) |
उपकुलपति | नागेश्वर राव |
पंजीकृत | सुधीर बुदकोटी |
छात्र | 4 मिलियन से अधिक [1] |
स्थान | मैदान गढ़ी, दिल्ली, भारत |
क्षेत्रीय केन्द्र | 67 |
जालस्थल | www |
इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (संक्षेप में इग्नू -IGNOU) भारतीय संसदीय अधिनियम के द्वारा सितम्बर, 1985 में स्थापित एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय है। इसका मुख्य कार्यालय नयी दिल्ली (मैदान गढ़ी) में स्थापित है। यह दुनिया का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय है। भारत और अन्य 33 देशों के लगभग 40 लाख विद्यार्थी इसमें अध्ययन करते हैं। यह विश्वविद्यालय भारत में मुक्त और दूरवर्ती अध्ययन का राष्ट्रीय संसाधन केंद्र भी है तथा दूरवर्ती शिक्षा में दुनिया का नायक है।[2]
शिक्षण और अनुसंधान के अलावा, विस्तार और प्रशिक्षण इस विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गतिविधियों का मुख्य आधार है।
उद्देश्य
[संपादित करें]इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय की स्थापना संसदीय अधिनियम के जरिए 1985 में की गई थी जिसे दो जिम्मेदारियां सौंपी गई थी-
- (क) दूरस्थ शिक्षा पद्वति के माध्यम से उच्चतर शिक्षा की सुलभता एंव समानता में वृद्वि करना और
- (ख) मुक्त अधिगम (ओपेन लर्निंग) त्तथा दूरस्थ शिक्षा प्रणालियों में मानकों का प्रोन्नयन, समन्वयन तथा निर्धारण करना।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय अधिनियम के उपबंधों के अनुसार, यह विश्वविद्यालय-
- (क) देश की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए यथा-अपेक्षित रोजगार की जरूरतों से संबंधित डिग्री, डिप्लोमा तथा प्रमाणपत्र कार्यक्रम संचालित करेगा,
- (ख) बड़ी संख्या में लोगों को (विशेषत: समाज के लाभवंचित वर्गों के लोगों) उच्चतर शिक्षा प्रदान करने हेतु अवसर प्रदान करेगा,
- (ग) ज्ञान प्राप्ति तथा ज्ञान के स्तर के उन्नयन को बढ़ावा देगा और नवाचार तथा शोध प्रशिक्षण, पुनर्प्रशिक्षण हेतु अवसर प्रदान करेगा,
- (घ) विश्ववि़द्यालय स्तरीय शिक्षा की एक नवाचारी प्रणाली को बढ़ावा देगा जो पद्धतियों एवं अध्ययन गति, पाठयक्रमों का सम्मलित, नामाकंन हेतु पात्रता, प्रवेश आयु, परीक्षा संचालन और उत्कृष्टता को प्रोत्साहित करने हेतु कार्यक्रमों के संचालन के मामले में उदार एवं मुक्त हो,
- (च) संस्थाओं और मुक्त तथा दूरस्थ शिक्षा प्रणाली द्वारा प्रदत कार्यक्रमों का समन्वयन, मूल्यांकन तथा प्रत्यायित करना और साथ ही संस्थाओं को ऐसे उपायों के जरिए, जो उचित समझा जाए, घटिया पाठयक्रम तथा कार्यक्रम संचालित करने से रोकना।
प्रबन्धन समिति
[संपादित करें]- प्रोफेसर राजशेखरन पिल्ले (उप-कुलपति, ईग्नू)
इग्नू के विभिन्न विद्यापीठ
[संपादित करें]- सामाजिक विज्ञान विद्यापीठ- सामाजिक विग्यान विद्यापीथ के अन्तर्गत पुस्तकाल्य एवम सूचना विभाग मैं ८ अध्यापक है।
- शिक्षा विद्यापीठ
- कृषि विद्यापीठ
- विधि विद्यापीठ
- विज्ञान विद्यापीठ
- प्रबन्धन विज्ञान विद्यापीठ
- कंप्यूटर एवं सूचना विज्ञान विद्यापीठ
- सतत शिक्षा विद्यापीठ
मुख्य प्रभाग
[संपादित करें]- विद्यार्थी पंजीकरण एवं मूल्यांकन प्रभाग
- सामग्री उत्पादन एवं वितरण प्रभाग
- पुस्तकालय एवं प्रलेखन प्रभाग
- हार्टिकलचर प्रभाग
मूल्यांकन पद्घति
[संपादित करें]इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय मूल्यांकन की द्वि-स्तरीय प्रणाली का प्रयोग करता हैः
- अध्यापक जाँच/कंप्यूटर जाँच सत्रीय कार्यों, प्रयोगात्मक सत्रीय कार्यों, परियोजना कार्य द्वारा सतत मूल्यांकन |
- सत्रांत परीक्षा (आमतौर पर साल में दो बार (जून और दिसम्बर))
सत्रीय कार्य और सत्रांत परीक्षाएँ अनिवार्य हैं। मूल्यांकन के उद्देश्य से दोनों प्रकार के आकलनों के लिए आनुपातिक अंक निर्धारित किए गए हैं। प्रथम प्रयास में अधिकतम अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय के वार्षिक दीक्षांत समारोह में स्वर्ण पदक प्रदान किए जाते हैं।
दूर शिक्षा के क्षेत्र में यह विश्वविद्यालय अग्रणी है और कॉमनवेल्थ ऑफ लर्निंग द्वारा दूर शिक्षा में सर्वोत्तम केंद्र का सम्मान प्राप्त कर चुका है। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अपने देश के अतिरिक्त राष्ट्रीय सीमाओं को लाँघते हुए विकासशील देशों (खाडी देशो, अफ्रिका तथा दक्षिण पूर्वी एशिया आदि) में भी इस क्षेत्र में सहायता प्रदान कर रहा है। अत्याधुनिक दूर शिक्षा प्रणाली ने समाज के दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले वर्गों तक पहुँचने में इसकी सहायता की है।
पाठ्यक्रम
[संपादित करें]विश्वविद्यालय का शुभारंभ वर्ष 1987 में दो शैक्षिक कार्यक्रमों - प्रबंधन में डिप्लोमा और दूर शिक्षा में डिप्लोमा से हुआ और कुल 4,528 विद्यार्थियों से हुआ। इस समय विश्वविद्यालय में 338 अध्ययन‑कार्यक्रम है जो 3,500 पाठ्यक्रम के माध्यम से उपलब्ध हैं। विद्यार्थियों की कुल संख्या 30 लाख से अधिक है। अध्ययन‑कार्यक्रम विश्वविद्यालय में इन स्तरों पर विभिन्न कार्यक्रम उपलब्ध हैं:‑ डॉक्टरेट, स्नातकोत्तर, और स्नातक डिग्री कार्यक्रम, स्नातकोत्तर और पूर्वस्नातक डिप्लोमा, सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम, शिक्षा पारंपरिक रूप के साथ‑साथ उपभोक्ता संरक्षण, आपदा प्रबंधन, पर्यावरण, मानवाधिकार, पर्यटन, महिला अधिकारिता एवं बाल विकास, सहभागी वन प्रबंधन, सहभागी योजना, पुनर्वास एवं बहाली, अध्यापन शिक्षा, खाद्य एवं पोषण, चिकित्सकीय एवं स्वास्थ्य शिक्षा, एचआईवी/एड्स, प्रयोगशाला तकनीक और ऑनलाइन शिक्षण जैसे उभरते हुए अंतर‑विषयक क्षेत्रों में भी प्रदान की जाती है।
प्रभाग
[संपादित करें]इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय विश्वविद्यालय के भीतर विभिन्न प्रशासनिक गतिविधियों का ख्याल रखने के लिए निम्नलिखित ग्यारह डिवीजन हैं।
विभाग | मुख्य |
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अकादमिक और समन्वय प्रभाग | प्रोफेसर. देवल सिंघ्रॉय |
प्रशासनिक प्रभाग | सुधीर बुदाकोटी |
निर्माण और रखरखाव | सुधीर रेड्डी |
कंप्यूटर डिवीजन | डॉ वी एस पी श्रीवास्तव |
अंतरराष्ट्रीय विभाग | डॉ. सिलिमा नंदा |
पुस्तकालय और दस्तावेज़ीकरण प्रभाग | सुश्री विद्या सोनल |
वित्त और लेखा प्रभाग | डॉ जयदीप शर्मा |
सामग्री उत्पादन और वितरण | प्रोफेसर पर्दीप साहनी |
योजना और विकास प्रभाग | प्रो. टी यू फुल्ज़ेल |
क्षेत्रीय सेवा प्रभाग | डॉ. वी वेणुगोपाल रेड्डी |
छात्र मूल्यांकन विभाग | डॉ. श्रीकांत महापात्रा |
छात्र पंजीकरण प्रभाग | एस के शर्मा |
शोध इकाई
[संपादित करें]शोध इकाई की स्थापना इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय में 6 अक्टूबर 2008 की अधिसूचना के अनुसार की गई थी। इससे पहले, अनुसंधान से संबंधित गतिविधियों को अकादमिक समन्वय प्रभाग द्वारा देखा गया था। निम्नलिखित उद्देश्यों के साथ इकाई स्थापित की गई है:
- अनुसंधान गतिविधियों के संचालन के लिए नीतियों और ढांचे के विकास के लिए अनुसंधान परिषद और अनुसंधान परिषद की स्थायी समिति की बैठकों का संचालन करना।
- सभी पूर्णकालिक और अंशकालिक एमफिल और पीएचडी उम्मीदवारों को पंजीकृत और निगरानी करने के लिए।
- अनुसंधान और शिक्षण के संचालन के लिए इग्नू-डीईसी आरटीए योजना के तहत अनुसंधान शिक्षण सहायकों को शामिल करना।
- पूर्णकालिक और अंशकालिक शोध उम्मीदवारों के लिए शोध पद्धति पर कार्यशालाओं / सेमिनार आयोजित करने के लिए।
- विश्वविद्यालय में व्यवस्थित / अनुशासन आधारित अनुसंधान की सुविधा के लिए।
पढ़ाई के स्कूल
[संपादित करें]अंतःविषय कार्यक्रमों को विकसित करने की दृष्टि से, विश्वविद्यालय अपने स्कूलों के अध्ययन के माध्यम से संचालित होता है। से प्रत्येक स्कूल का नेतृत्व एक निदेशक करता है जो समन्वय में अपने शैक्षणिक कार्यक्रमों और पाठ्यक्रमों को व्यवस्थित करने की व्यवस्था करता है स्कूल के संकाय और कर्मचारियों, और विश्वविद्यालय के विभिन्न शैक्षणिक, प्रशासनिक और सेवा प्रभागों के साथ। विभिन्न स्तरों पर पाठ्यक्रमों की एक विस्तृत पसंद प्रदान करने पर जोर दिया गया है।
वर्तमान में अध्ययन के निम्नलिखित स्कूल संचालन में हैं:
- मानविकी का स्कूल
- सामाजिक विज्ञान के स्कूल
- विज्ञान के स्कूल
- शिक्षा का स्कूल
- सतत शिक्षा की पाठशाला
- इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के स्कूल
- स्कूल ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज
- स्वास्थ्य विज्ञान के स्कूल
- कंप्यूटर और सूचना विज्ञान के स्कूल
- कृषि का स्कूल
- कानून का स्कूल
- स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड न्यू मीडिया स्टडीज
- स्कूल ऑफ जेंडर एंड डेवलपमेंट स्टडीज
- पर्यटन और आतिथ्य सेवा प्रबंधन के स्कूल
- अंतःविषय और ट्रांस-अनुशासनात्मक अध्ययन के स्कूल
- स्कूल ऑफ सोशल वर्क
- स्कूल ऑफ वोकेशनल एजुकेशन एंड ट्रेनिंग
- स्कूल ऑफ एक्सटेंशन एंड डेवलपमेंट स्टडीज
- विदेशी भाषाओं का स्कूल
- अनुवाद अध्ययन और प्रशिक्षण के स्कूल
- प्रदर्शन और दृश्य कला के स्कूल
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "Profile of IGNOU - Preamble". Ignou.ac.in. मूल से 16 दिसंबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 जनवरी 2015.
- ↑ "'इग्नू' दुनिया का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय है". जोश 18(हिन्दी). मूल से 22 जनवरी 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि १५ जनवरी २००९.
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