इण्डियन यूनियन मुस्लिम लीग
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इण्डियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल), सामान्य तौर पर मुस्लिम लीग नाम से मशहूर, भारत की एक राजनैतिक पार्टी है जिसे भारतीय चुनाव आयोग ने केरल राज्य के दल के रूप में मान्यता दे रखी है।[1][2]
इतिहास[संपादित करें]
इण्डियन यूनियन मुस्लिम लीग का गठन तो १० मार्च १९४८ को हुआ परन्तु इसका इतिहास और पहले से है जो अखिल भारतीय मुस्लिम लीग के गठन के साथ शुरुआत होता है। जिसने पाकिस्तान बनवाने में सक्रिय भूमिका निभाई। अंग्रेजों से मुक्त होने पर और पाकिस्तान के बन जाने के बाद मुस्लिम लीग कई दलों में बंट गई और यह इसकी कमजोरी का बहुत बडा कारण बना। पाकिस्तान में मुस्लिम लीग नाम के कई संगठन आज भी कार्य कर रहे हैं। १९४८ में भारत में इण्डियन यूनियन मुस्लिम लीग का गठन हुआ जो पिछडे़ हुए मुसलमानों के हित के लिए काम करती आ रही है।
मुस्लिम लीग की नीतियां एवं उद्देश्य[संपादित करें]
- यह मुसलमानों के लिए अंग्रेजी, अरबी, और उर्दू शिक्षा की पक्षधर है।
- मुस्लिमों को भारत में आरक्षण मिले।
- भारत को हिन्दू राष्ट्र बनने से रोकना।
- मुसलमानों में भाईचारा और एकता कायम करना।
- इस्लाम के अनुसार जीवन पद्धति बनाना।
सन्दर्भ[संपादित करें]
- ↑ "मुस्लिम लीग ने राहुल गांधी पर साधा निशाना". Aajtak.in. मूल से 6 अगस्त 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2018-08-04.
- ↑ "इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने कहा, केंद्र को संसद में तलाक पर चर्चा करनी चाहिए". Khabarndtv.com. मूल से 6 अगस्त 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2018-08-04.