इज़हार उल-हक
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लेखक | रहमतुल्लाह कैरानवी |
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भाषा | अरबी भाषा |
इज़हार उल-हक या इज़हार अल-हक (अंग्रेज़ी:Izhar ul-Haqq मौलाना रहमतुल्लाह कैरानवी की अरबी भाषा में पुस्तक जो1864 में प्रकाशित हुई थी। तत्पश्चात अंग्रेज़ी, उर्दू, बांग्ला, गुजराती और तुर्किश भाषा में भी अनुवादित हुई।
परिचय
[संपादित करें]रहमतुल्लाह कैरानवी की इज़हार उल हक पुस्तक प्रसिद्धि का कारण भी बनी।
सुल्तान अब्दुल अज़ीज़ (उस्मानी साम्राज्य) की इच्छा पर[1]ईसाई मिशनरियों द्वारा लगाए गए आरोपों के जवाब में और खासतौर पर इस्लाम के खिलाफ पादरी कार्ल गोटलीब फंडर द्वारा लिखी गई किताब "मीजानुल हक़" के उत्तर में लिखी गयी।
यह पुस्तक मूल रूप से अरबी भाषा में लिखी गई थी, इस छः खंड वाली पुस्तक का बाद में सबसे पहले तुर्की भाषा में अनुवाद हुआ फिर "बाइबिल से क़ुरआन तक" नाम से उर्दू में, अंग्रेजी,बंगला में भी अनुवादित हुई।[2][3]
बाहरी कड़ियाँ
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विकिस्रोत पर इस लेख से संबंधित मूल पाठ उपलब्ध है: |
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "इजहारुल हक",पृष्ठ 25, पुस्तक: मौलाना रहमतुल्लाह कैरानवी,लेखक मुहम्मद सलीम https://archive.org/details/Molana-Rehmatullah-Kairanvi-Intro-Short-Book-Hindil
- ↑ Nizamuddin Asir Adrawi. Darul Uloom Deoband: Ehya-e-Islam Ki Azeem Tehreek (Urdu भाषा में). Darul Muallifeen Deoband. p. 115.
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: CS1 maint: unrecognized language (link) - ↑ Maulana Rahmatullah Kairanwi. The Truth Revealed (PDF) (English भाषा में). Translated by Muhammad Wali Razi. Ta-Ha Publishers Ltd. 1 Wynne Road, London. ISBN 1-842000-4-62. मूल से (PDF) से 1 नवंबर 2019 को पुरालेखित।. अभिगमन तिथि: 14 July 2019.
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