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इंदिरा गांधी नहर

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इन्दिरा गाँधी नहर राजस्थान की महत्वपूर्ण नहर हैं। इसका पुराना नाम "राजस्थान नहर" था। यह नहर राजस्थान प्रदेश के उत्तर-पश्चिम भाग में बहती है। इसे राजस्थान की मरूगंगा भी कहा जाता है जय राजस्थान[1] यह विश्व की सबसे बङी सिंचाई परियोजना है ।[2]

इंदिरा गांधी नहर परियोजना
बीकानेर में इन्दिरा गांधी नहर

बीकानेर व गंगानगर में पानी की किल्लत को दूर करने के लिए बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह ने 1927 में एक नहर निर्माण का कार्य शुरू करवाया था जो बीकानेर के महाराजा गंगासिंह ने करवाया जिसे गंग-नहर नाम दिया गया जो कि आज भी गंगानगर में मौजूद है ।।

राजस्थान की महत्वाकांक्षी इंदिरा गांधी नहर परियोजना से मरूस्थलीय क्षेत्र में चमत्कारिक बदलाव आ रहा है और इससे मरूभूमि में सिंचाई के साथ ही पेयजल और औद्योगिक कार्यो के लिए॰भी पानी मिलने लगा है।

नहर निर्माण से पूर्व लोगों को कई मील दूर से पीने का पानी लाना पड़ता था। लेकिन अब परियोजना के अन्तर्गत बारह सौ क्यूसेक पानी केवल पेयजल उद्योग, सेना एवं ऊर्जा परियोजनाओं के लिए आरक्षित किया गया है। विशेषतौर से चुरू, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, जैसलमेर, बाडमेर और नागौर जैसे रेगिस्तानी जिलों के निवासियों को इस परियोजना से पेयजल सुविधा उपलब्ध कराने के प्रयास जारी हैं। इस योजना से अब जोधपुर, बाड़मेर और पाली जिलों को पेयजल भी मिलेगा। [3]

राजस्थान नहर सतलज और व्यास नदियों के संगम पर निर्मित "हरिके बांध" से निकाली गई है। यह नहर पंजाब व राजस्थान को पानी की आपूर्ति करती है। पंजाब में इस नहर की लम्बाई 169 किलोमीटर है और वहां इसे राजस्थान फीडर के नाम से जाना जाता है। इससे इस क्षेत्र में सिंचाई नहीं होती है बल्कि पेयजल की उपलब्धि होती है। राजस्थान में इस नहर की लम्बाई 470 किलोमीटर है। राजस्‍थान में इस नहर को राज कैनाल भी कहते हैं। राजस्‍थान नहर इसकी मुख्‍य शाखा या मेन कैनाल 256 किलोमीटर लंबी हे जबकि वितरिकाएं 5606 किलोमीटर और इसका सिंचित क्षेत्र 19.63 लाख हेक्‍टेयर आंका गया है। इसकी मेनफीडर 204 किलोमीटर लंबी है जिसका 35 किलोमीटर हिस्‍सा राजस्‍थान व 170 किलोमीटर हिस्‍सा पंजाब व हरियाणा में है।यह नहर राजस्थान की एक प्रमुख नहर है।

इस नहर का पुन: उद्घाटन 31 मार्च 1958 को तत्कालिक गृह मंत्री गोविंद बल्लभ पंत ने किया हुआ जबकि दो नवंबर 1984 को इसका नाम इंदिरा गांधी नहर परियोजना कर दिया गया।

यह नहर राजस्थान में हनुमानगढ़ जिले के मासितावाली हैड में प्रवेश करती है

2017 में पानी की कमी को देखते हुए इसका सिंचाई क्षेत्र घटाकर 16.17 लाख हेक्टेयर कर दिया गया है इस नहर से राजस्थान के 10 जिले लाभान्वित हो रहे हैं गंगानगर हनुमानगढ़ बीकानेर जैसलमेर बाड़मेर जोधपुर नागौर चूरू झुंझुनू सीकर इस नहर का जीरो प्वाइंट मोहनगढ़ जैसलमेर से बढ़ाकर गडरा रोड बाड़मेर कर दिया गया है इंदिरा गांधी नहर को राजस्थान की जीवन रेखा या मरू गंगा कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी इंदिरा गांधी नहर से 7 लिफ्ट नहर 9 शाखाएं निकाली गई है नवनिर्मित निर्माणाधीन लिफ्ट नहर का नाम बाबा रामदेव लिफ्ट नहर रखा गया है भैरवदान चालानी प्रस्तावित लिफ्ट नहर है इस नहर के कारण सेम की समस्या लवणीय समस्या व बीमारियों में वृद्धि हुई है। इंदिरा गांधी नहर परियोजना वाणी की प्रोजेक्ट भारत और जापान के बीच में संबंधित समझौता है।

सन्दर्भ

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  1. "संग्रहीत प्रति". Archived from [http//rangeelarajasthan.com/ the original] on 2 फ़रवरी 2011. Retrieved 15 सितंबर 2010. {{cite web}}: Check |url= value (help)
  2. "राजस्थान की प्रमुख नहरे (rajasthan ki nahar priyojana)". topknowledge (in hindi). 14/08/2023. Retrieved 2023-09-01. {{cite web}}: |first= missing |last= (help); Check date values in: |date= (help)CS1 maint: unrecognized language (link)[मृत कड़ियाँ]
  3. "राजीव गांधी लिफ्ट नहर तृतीय चरण परियोजना". जूम न्यूज. Retrieved 2023-02-19. {{cite web}}: Cite has empty unknown parameter: |dead-url= (help)


[[श्रेणी:राजस्थान में नहरें] कुल जिले लाभांवित = 10