आवर्धक लेन्स

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
आवर्धक लेन्स और उससे बड़ा दिखता पेन
आवर्धक लेन्स का सिद्धान्त : किसी उत्तल लेंस के सामने यदि वस्तु फोकस बिन्दु तथा लेंस के बीच में स्थित हो तो उसका प्रतिबिम्ब सीधा, बड़ा तथा आभासी बनता है।

This magnificent glass show in big picture of object.

आवर्धक लेन्स (magnifying glass या hand lens) एक उत्तल लेंस होता है जिसका उपयोग पास की वस्तुओं का आवर्धित प्रतिबिम्ब प्राप्त करने के लिये किया जाता है। प्रायः आवर्धक लेंस को एक गोल फ्रेम में मढ़ा गया होता है जिसमें एक हत्था (हैंडिल) भी लगा होता है। (चित्र देखें)।आवर्धन लेंस की खोज रोजर बेकन ने की थी। आवर्धक लेंस की खोज के बाद ही सूक्ष्मदर्शी का आविष्कार संभव हो सका

इन्हें भी देखें[संपादित करें]