आर्कड्यूक फ्रांज फर्डिनेंड की हत्या
![]() हत्या का चित्रण (इतालवी अखबार La Domenica del Corriere, 12 जुलाई 1914) | |
तिथि | 28 जून 1914 |
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समय | सुबह 10:45 बजे |
स्थान | लैटिन ब्रिज, साराजेवो, बोस्निया और हर्जेगोविना (ऑस्ट्रिया-हंगरी) |
निर्देशांक | 43°51′28.5″N 18°25′43.9″E / 43.857917°N 18.428861°Eनिर्देशांक: 43°51′28.5″N 18°25′43.9″E / 43.857917°N 18.428861°E |
कारण | राजनीतिक असंतोष, राष्ट्रवाद, स्वतंत्रता संग्राम |
परिणाम | प्रथम विश्व युद्ध की शुरुआत |
मृत्यु | 2 (फ्रांज फर्डिनेंड और सोफी) |
अभियुक्त | गैवरिलो प्रिंसिप, नेदेल्जको चाब्रिनोविच, त्रिफको ग्राबेज़ आदि |
दोषारोपण | उच्च राजद्रोह, हत्या |
आर्कड्यूक फ्रांज फर्डिनेंड की हत्या एक महत्वपूर्ण घटना थी, जिसने प्रथम विश्व युद्ध की शुरुआत में योगदान दिया। 28 जून 1914 को ऑस्ट्रिया-हंगरी के युवराज आर्कड्यूक फ्रांज फर्डिनेंड और उनकी पत्नी सोफी, डचेस ऑफ होहेनबर्ग की बोस्नियाई सर्ब छात्र गैवरिलो प्रिंसिप ने साराजेवो में गोली मारकर हत्या कर दी थी। यह शहर बॉस्निया और हर्ज़ेगोविना का प्रांतीय राजधानी था, जिसे 1908 में ऑस्ट्रिया-हंगरी ने औपचारिक रूप से अपने अधिकार में ले लिया था।
इस हत्या के पीछे एक क्रांतिकारी समूह "यंग बोस्निया" के सदस्य थे, जिनका उद्देश्य बॉस्निया और हर्ज़ेगोविना को ऑस्ट्रिया-हंगरी के शासन से मुक्त कर एक संयुक्त दक्षिण स्लाव राज्य (युगोस्लाविया) की स्थापना करना था। यह घटना जुलाई संकट (July Crisis) को जन्म देने का कारण बनी, जिसके परिणामस्वरूप ऑस्ट्रिया-हंगरी ने सर्बिया के खिलाफ युद्ध की घोषणा की और प्रथम विश्व युद्ध की शुरुआत हुई।
हत्या की साजिश
[संपादित करें]हत्या की योजना बनाने और उसे अंजाम देने में छह लोगों का समूह शामिल था, जिसमें गैवरिलो प्रिंसिप, मुहम्मद मेहमेबाशीच, वासो चुब्रिलोविच, नेदेल्जको चाब्रिनोविच, स्फ्जेत्को पोपोविच और त्रिफको ग्राबेज़ थे। इन सभी की योजना का नेतृत्व डेनिलो इलिच ने किया था। यह समूह "ब्लैक हैंड" नामक एक गुप्त राष्ट्रवादी संगठन से सहायता प्राप्त कर रहा था, जिसका नेतृत्व ड्रैगुटिन डिमिट्रीजेविच, वोजिस्लाव टांकोसिक और राडे मालोबाबिच कर रहे थे।[1]
ब्लैक हैंड संगठन ने हमलावरों को हथियार, प्रशिक्षण और सुरक्षित रास्ते प्रदान किए ताकि वे ऑस्ट्रिया-हंगरी में प्रवेश कर सकें। हमले के लिए उन्हें एफएन 1910 पिस्तौल और बम दिए गए थे।[2]
हत्या की घटना
[संपादित करें]28 जून 1914 को आर्कड्यूक और उनकी पत्नी साराजेवो के दौरे पर थे। जब उनका मोटरकेड शहर से गुजर रहा था, तब सबसे पहले नेदेल्जको चाब्रिनोविच ने उन पर बम फेंका, लेकिन बम उनकी कार से टकराकर पीछे की कार के नीचे गिर गया, जिससे उसमें सवार लोग घायल हो गए।[2]
इस हमले के असफल होने के बाद, जब आर्कड्यूक फ्रांज फर्डिनेंड और उनकी पत्नी टाउन हॉल से लौट रहे थे, तब गलती से उनकी कार गलत दिशा में मुड़ गई और वहीं गैवरिलो प्रिंसिप खड़ा था। उसने तुरंत पिस्तौल निकालकर दो गोलियां चलाईं—एक गोली आर्कड्यूक के गले में लगी और दूसरी उनकी पत्नी सोफी के पेट में। दोनों की कुछ ही मिनटों में मृत्यु हो गई।[3]
गिरफ्तारी और मुकदमा
[संपादित करें]गैवरिलो प्रिंसिप को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया। चूंकि वह हत्या के समय 20 वर्ष से कम उम्र का था, इसलिए उसे फांसी नहीं दी गई, बल्कि 20 वर्षों की जेल की सजा सुनाई गई। अन्य षड्यंत्रकारियों को भी गिरफ्तार कर विभिन्न सजाएँ दी गईं।[1]
ब्लैक हैंड संगठन से जुड़े कई प्रमुख अधिकारियों को बाद में 1917 में एक अलग मुकदमे (सलोनिका ट्रायल) में फांसी दे दी गई।[2]
प्रभाव और परिणाम
[संपादित करें]आर्कड्यूक फ्रांज फर्डिनेंड की हत्या ने यूरोप में एक राजनीतिक संकट को जन्म दिया। इस घटना के बाद ऑस्ट्रिया-हंगरी ने सर्बिया के खिलाफ युद्ध की घोषणा की, जिससे विश्व युद्ध की शुरुआत हुई।[4]
यह हत्या 20वीं सदी की सबसे महत्वपूर्ण राजनीतिक हत्याओं में से एक मानी जाती है, जिसने इतिहास की दिशा बदल दी।[4]
संदर्भ
[संपादित करें]- ↑ अ आ Palek, Stephanie (2015-04-23). "Sarajevo 1914". www.lib.cam.ac.uk (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2025-01-31.
- ↑ अ आ इ "Franz Ferdinand, archduke of Austria-Este | Biography, Assassination, Facts, & World War I | Britannica". www.britannica.com (अंग्रेज़ी में). 2024-12-14. अभिगमन तिथि 2025-01-31.
- ↑ "June 28, 1914". National WWI Museum and Memorial (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2025-01-31.
- ↑ अ आ Saelee, Mike. "Research Guides: Assassination of Archduke Franz Ferdinand: Topics in Chronicling America: Introduction". guides.loc.gov (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2025-01-31.