आदिशक्ति

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आदिशक्ति
मोक्ष, शक्ति, परिवर्तन
Member of परब्रह्म
Devi Durga Shakthi.jpg
निवासस्थान देवी लोक मनिद्वीप
अस्त्र सभी

आदि शक्ति या आदि परा शक्ति या महादेवी दुर्गा को सनातन, निराकार, परब्रहम, जो की ब्रह्मांड से भी परे एक सर्वोच शक्ति के रूप में माना जाता है। शाक्त संप्रदा के अनुसार यह शक्ति मूल रूप में निर्गुण है, परंतु निराकार परमेश्वर जो न स्त्री है न पुरुष, ने जब सृष्टि की रचना करनी होती है तो वे आदि परशक्ति के रूप में उस इच्छा रूप में ब्रह्मांड की रचना, जनन रूप में संसार का पालन और क्रिया रूप में वह पूरे ब्रह्मांड को गति तथा बल प्रदान करती है।

आदि शक्ति को पराम्बा, परशक्ति या आदि पराशक्ति कह कर भी संबोधित किया जाता है। माता आदिशक्ती का एक पावन पवित्र मंदिर महाराष्ट्र मे सातारा जिले मे आर्वी गाव मे है| उस मंदिर मे जो माता की मूर्ति है उसको देख के महाराष्ट्र के कोल्हापूर जिले मे जो अंबाबाई माता है और तुळजापूर तालुका मे जो भवानी माता है उनकी याद आती है अत्यंत अध्यात्मिक भावनिक प्रेम युक्त दयाळू शक्तिशाली मूर्ती मे भाऊ दिखते है

हर संप्रदा में आदि पराशक्ति को विभिन रूप में मान कर पूजा जाता है, शक्त संप्रदा में भगवती श्री माँ परा शक्ति दुर्गा और उनके अन्य रूप जैसे की काली, भुवनेश्वरी, त्रिपुर सुंदरी, ललिता, इत्यादि को स्वयं परम भगवान परम ब्रह्म के रूप में पुजा जाता है वैष्णव संप्रदाय के अनुसार भगवती श्री महालक्ष्मी और उनके अवतार जैसे सीता, राधा, इत्यादि को भी भगवती श्री आदिशक्ति/दुर्गा जी का ही स्वरूप माना जाता है। जबकि शैव संप्रदा मे माता सती, पार्वती इत्यादि को भी आदि शक्ति का ही स्वरूप माना जाता है। सिख पंत मे भी शक्ति को निर्गुण माना जाता है जहाँ पर आदिशक्ति/दुर्गा/काली जी को चंडी कहा जाता है।

देवी भागवत, अथर्व वेद, ऋगवेद, मार्कन्डेय पुराण, ब्रह्मांड पुराण, शिव पुराण, इत्यादि जैसे प्राचीन ग्रंथ के अनुसार, देवी आदि शक्ति माँ दुर्गा ही मूल परम ब्रह्म है।

महाराष्ट्र के धुले जिला के म्हसदी ग्राम मे कुलस्वामिनी श्री धनदाई देवी जो आदिशक्ती का ही अवतर हैं। धनदाई देवी क्षत्रिय मराठा समाज के कुलो की कुलदेवी हैं जिनमें प्रमुख कुल में खानदेश के राव शिंदे/सिंधिया ओर पट्टराजा पाटिल कुल देवरे, बेड़से आते हैं।