आख़ाल प्रान्त
आख़ाल प्रान्त (तुर्कमेनी: Ahal welaýaty, अंग्रेज़ी: Ahal Province, फ़ारसी: آخال) तुर्कमेनिस्तान की एक विलायत (यानि प्रान्त) है। यह उस देश के दक्षिण-मध्य में स्थित है और कोपेत दाग़ पर्वतों के साथ इसकी सरहदें ईरान और अफ़्ग़ानिस्तान से लगती हैं। इस प्रान्त का क्षेत्रफल ९७,१६० किमी२ है और सन् २००५ की जनगणना में इसकी आबादी ९,३९,७०० अनुमानित की गई थी। आख़ाल प्रान्त की राजधानी आनेउ शहर है जो राष्ट्रीय राजधानी अश्क़ाबाद के पास ही दक्षिण-पूर्व में स्थित है।
वर्णन
[संपादित करें]सन् २००० में आख़ाल प्रान्त में तुर्कमेनिस्तान के १४% लोग रहते थे। देशभर के कृषि उत्पादन का २३% मूल्य और औद्योगिक उत्पादन का ३१% मूल्य इस प्रान्त से आता था। यहाँ कृषि के लिए सिंचाई मशहूर काराकुम नहर से होती है जो आमू दरिया से पानी लाती है और इस प्रान्त के पूर्व से पश्चिम तक बहती है।[1] दक्षिण में अफ़्ग़ानिस्तान से उत्तर की ओर बहने वाली तेजेन नदी (उर्फ़ हरी नदी, هریرود) भी प्रान्त के दक्षिण-पूर्वी भाग को पानी प्रदान करती है और इस नदी का पानी तेजेन शहर के दक्षिण में दो बड़े सरोवरों से गुज़रता है। आख़ाल प्रान्त सन् १८८१ के गेओक तेपे युद्ध के लिए प्रसिद्ध है, जिस स्थल पर अब एक नई मस्जिद खड़ी है। यह कोव अता (Kov Ata) नमक गुफ़ा में धरती-तल के नीचे स्थित बहरदेन नामक झील के लिए भी मशहूर है।
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ Pastoral systems in marginal environments: proceedings of a satellite workshop of the XXth International Grassland Congress, July 2005, Glasgow, Scotland, John Milne, Wageningen Academic Pub, 2005, ISBN 978-90-76998-74-9, ... Unlike the rest of the country, in Ahal Province arable farms continue to own and manage livestock as an adjunct to irrigated farming ...