अहीरवाटी भाषा

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अहीरवाटी एक हिन्द-आर्य भाषा है, जिसे हरियाणा-राजस्थानी भाषा के रूप में वर्गीकृत किया गया है। यह अहीरवाल, दिल्ली, राजस्थान, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, गुड़़गांव कोट बहरोड़ में बोली जाती है। प्रसिद्ध इतिहासकार रॉबर्ट वान रसेल अहिरवाटी के अनुसार अहीर समुदाय की भाषा है और हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली में बोली जाती है।

रेवाड़ी, महेन्द्रगढ़, गुरगांव, कोटकासिम, कोटपुटली, बंसूर, दक्षिण दिल्ली, बहरोड़, दक्षिण-पश्चिम दिल्ली, और मुण्डावर को अहीरवाटी बोलने वाले क्षेत्र का केंद्र माना जा सकता है।

अहीरवाटी बोली राजस्थान में कोट बहरोड़ जिले की बहरोड़, नीमराणा, मांढ़ण, बानसूर व कोटपूतली के उत्तरी भाग व खैरथल जिले की मुण्डावर , किशनगढ़ के पश्चिमी भाग। [[1]]

जोधराज द्वारा रचित हम्मीर रासो महाकाव्य अहीरवाटी भाषा में ही लिखा गया है। जोधराज नीमराणा के राजकवि थे ।

संद्रभ[संपादित करें]

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