अस्हाबे कहफ़
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अस्हाबे कहफ़ (अंग्रेज़ी:Seven Sleepers) क़ुरआन में वर्णित गुफा में पनाह लिए हुए लोगों की कथा है। कहफ़ अरबी भाषा में गुफा को कहते हैं। अल-कहफ़ नाम से सूरा भी है। यह लोग बादशाह के ज़ुल्म व जबर से तंग आकर गार में जा छिपे थे।
इस्लाम धर्म की महत्वपूर्ण पुस्तक क़िसासुल अंबिया और ऐतिहासिक पुस्तकों के अनुसार ये लोग हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम की शरीयत पर अमल पैरा थे कुछ कहते हैं कि यहूद की किताब में अस्हाबे कहफ़ का ज़िक़्र मौजूद है और यहूद की किताब नस्रानीयत से पहले की है इससे मालूम हुआ की यह लोग हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम से पहले के है। इन्हें अल्लाह की सहायता मिली और बहुत समय तक यह नींद की अवस्था में रहे, सूरा अल-कहफ़ में इसका विवरण है। [1] [2]
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ ""क़ुरआन और असहाब कहफ़ और असहाब रक़ीम " क़ससुल अंबिया-पृष्ठ 375". https://archive.org/.
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में बाहरी कड़ी (मदद) - ↑ अस्हाबे कहफ़ (Ashab E Kahf) कौन लोग हैं? - और उनके नाम क्या हैं? https://www.muslimtts.com/ashab-e-kahf-kon-log-hain/
बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]- [https://www.australianislamiclibrary.org/prophets.html[मृत कड़ियाँ] किससुल अंबिया - (उर्दू / अरबी / अंग्रेजी / बंगला / पश्तो) नबियों / पैग़म्बरों से सम्बंधित पुस्तकें