अष्टभुजा शुक्ल
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अष्टभुजा शुक्ल (जन्म 1954, दीक्षापार गाँव, उत्तर प्रदेश[1]) हिंदी के कवि हैं। उन्हें हिंदी कविता में अपने विशिष्ट योगदान के कारण केदार सम्मान से सम्मानित किया गया है।
कृतियाँ
[संपादित करें]इनकी प्रमुख कृतियाँ निम्नवत हैं[1]:
- पद-कुपद,
- चैत के बादल,
- दुःस्वप्न भी आते हैं,
- इसी हवा में अपनी भी दो चार साॅस है (चारों कविता-संग्रह),
- मिठउवा (ललितनिबंध-संग्रह)
सम्मान
[संपादित करें]- केदार सम्मान (2010)
- इफ़्को द्वारा श्रीलाल शुक्ल स्मृति सम्मान (2015)[1]
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ अ आ इ "सहिष्णु माहौल बनाने की जिम्मेदारी लेखकों पर भी : अष्टभुजा शुक्ल". एनडी टीवी. 4 दिसम्बर 2015. मूल से 13 दिसंबर 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 मई 2016.
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