अर्धचालक प्रयोगशाला, चंडीगढ़

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अर्धचालक प्रयोगशाला या 'सेमीकंडक्टर लेबोरेटरी' (एससीएल) भारत सरकार के अंतरिक्ष विभाग के अन्तर्गत एक संस्था है जिसका मुख्य उद्देश्य अर्धचालक प्रक्रिया से संबंधित क्षेत्र में, सेमी-कंडक्टर प्रौद्योगिकी, सूक्ष्म इलेक्ट्रॉनिक्स यांत्रिकीय प्रणाली को सहायता, प्रौन्नति, मार्गदर्शन और समन्वयता के साथ अनुसंधान एवं विकास करना है। इसको पूर्व में सेमीकंडक्टर कॉम्प्लेक्स लिमिटेड के नाम से जाना जाता था। इसकी स्थापना 1983 में की गई थी।

एससीएल ने अपने गृह अनुसंधान एवं विकास के तहत 3 माइक्रॉन, 2 माइक्रॉन, 1.2 माइक्रॉन एवं 0.8 माइक्रॉन सीमॉस प्रौद्योगिकी के साथ-साथ विशिष्ट प्रौद्योगिकी जैसे कि (ईईपीआरओएम) ईपीरोम एवं युग्मित युक्त युक्तियों (सीसीडी) का विकास किया है। एससीएल ने कर्इं वर्षों तक बहुआयामी परिपथों का विकास और आपूर्ति की है। जिसमें से बहुतायत में विशिष्ट किस्म के एकीकृत परिपथों, (एसिक्स) जिन्हें उच्च विश्वसनीयता एवं औद्योगिक उपयोग हेतु तैयार किया गया।

अवधारणा[संपादित करें]

  • माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में देश में अनुसंधान एवं विकास को मजबूत आधार प्रदान करना।
  • युक्तियों के तीक्ष्ण कटान प्रौद्योगिकी की अभिकल्पना एवं विकास।
  • बहुआयामी परिपथों/सूक्ष्म इलेक्ट्रॉनिक्स यांत्रिकीय प्रणालियों पर आधारित प्रणालियों एवं उपप्रणालियों का विनिर्माण।
  • एससीएल को देश में माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स की विशिष्टता के केन्द्र के रूप में बदलना।

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