अर्कादी गैदार

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गैदार (मूल नाम- गोलिकोव अर्कादी पेत्रोविच (रूसी: ९ फ़रवरी १९०४ - २६ अक्टूबर १९४१) प्रसिद्ध रूसी लेखक जिनकी कहानियाँ सोवियत बच्चों में बहुत प्रसिद्ध थीं।

परिचय[संपादित करें]

गैदार १४ वर्ष की आयु में लाल सेना में स्वयंसेवक बनकर आए। १७ वर्ष की आयु में रेजिमेंट के कमांडर हुए। अस्वस्थता के कारण १९२४ में सेना से छुट्टी मिली और साहित्यिक कार्य प्रारंभ किया। महान् देशभक्तिपूर्ण युद्ध के समय गैदार मोर्चों पर गए वहीं फासिस्टों ने उन्हें मार डाला।

गैदार ने किशोरोपयोगी साहित्य को बड़ी देन दी। इनके अनेक उपन्यास और कहानियाँ हैं, जिनमें मुख्य स्कूल (१९३०), दूरवर्ती देश (१९३२), सैनिक रहस्य (१९३५), नीला प्याला (१९३६), चुक और गेक (१९३५), तिमूर और उसका दल (१९४०) हैं। इन कृतियों में मैत्री, साहस तथा देशभक्ति की भावनाएं परिपूर्ण हैं जिनके कारण ये रचनाएँ अति लोकप्रिय हैं। इनके आधार पर अनेक फिल्में भी बनी हैं। अनेक भाषाओं में, जिनमें हिन्दी भी सम्मिलित है, गैदार की कृतियाँ अनूदित हैं।