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अमानवीकरण

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एक जेल आश्रय में एक बंदी की गर्दन से बंधी पट्टी खींचते हुए एक सैनिक, जबकि दूसरी सैनिक निगरानी करती है।

अमानवीकरण (अंग्रेज़ी: Dehumanization) वह प्रक्रिया, अभ्यास या क्रिया है जिसके द्वारा किसी व्यक्ति या समूह में पूर्ण मानवता को अस्वीकार किया जाता है।[1] इसमें आवश्यक मानवीय गुणों जैसे द्वितीयक भावनाएँ एवं मानसिक क्षमताएँ न होने का निर्णय लिया जाता है, जिससे उन्हें नैतिक चिंतन के दायरे से बाहर रखा जाता है। किसी भी कार्य या विचार से यदि किसी को "मानव से अलग" या "मानव से कम" माना जाए, तो वह अमानवीकरण कहलाता है।[2][3]

अमानवीकरण के प्रकार

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अमानवीकरण दो रूपों में प्रकट हो सकता है:

  • पशु-सदृश अमानवीकरण: इसमें सभ्यता, संस्कृति या तर्कशीलता जैसे मानवीय गुणों का इंकार करके दूसरों को पशुओं के समान माना जाता है।[4]
  • यांत्रिक अमानवीकरण: इसमें गर्मजोशी, भावना एवं व्यक्तित्व जैसे मानव स्वभाव के गुणों का इंकार करके दूसरों को वस्तु या मशीन की भांति देखा जाता है।[5]

ऐतिहासिक प्रभावितता

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अमानवीकरण ने भेदभाव एवं सामाजिक बहिष्कार से लेकर दासता, उपनिवेशवाद एवं मानवता के विरोधी अन्य अपराधों में सहयोग किया है। यह नरसंहार उकसाने का एक प्रमुख कारक भी रहा है।[6][7]


  1. Kronfeldner, Maria E., ed. (2021). The Routledge handbook of dehumanization. Routledge handbooks in philosophy. Abingdon, Oxon ; New York, NY: Routledge. ISBN 978-1-138-58815-8.
  2. de Ruiter, Adrienne (2024). Dehumanisation in the global migration crisis (1 ed.). New York: Oxford University Press. ISBN 978-0-19-889340-0.
  3. Enge, Erik (2015). Dehumanization as the Central Prerequisite for Slavery. GRIN Verlag. p. 3. ISBN 9783668027107.
  4. Haslam, Nick; Loughnan, Steve (2014). "Dehumanization and infrahumanization". Annual Review of Psychology. 65: 399–423. डीओआई:10.1146/annurev-psych-010213-115045. आईएसएसएन 1545-2085. पीएमआईडी 23808915.
  5. Haslam, Nick; Loughnan, Steve (3 January 2014). "Dehumanization and Infrahumanization". Annual Review of Psychology. 65 (1): 399–423. डीओआई:10.1146/annurev-psych-010213-115045. पीएमआईडी 23808915.
  6. Kronfeldner, Maria E., ed. (2021). The Routledge handbook of dehumanization. Routledge handbooks in philosophy. Abingdon, Oxon ; New York, NY: Routledge. ISBN 978-1-138-58815-8.
  7. Gordon, Gregory S. (2017). Atrocity Speech Law: Foundation, Fragmentation, Fruition (अंग्रेज़ी भाषा में). Oxford University Press. p. 286. ISBN 978-0-19-061270-2.