सामग्री पर जाएँ

अफ्रीका में दास प्रथा

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
अफ्रीका से दासों को बाहर ले जाने के प्रमुख मार्ग, स्थानांतरित दासों की संख्या के अनुसार

ऐतिहासिक रूप से अफ्रीका में दास प्रथा व्यापक रूप में रही है। दासता और गुलामी की प्रथाएं कभी अफ्रीका के कुछ हिस्सों में ठीक वैसी ही थी जैसे कि प्राचीन और मध्यकालीन दुनिया के बाकी हिस्सों में। जब ट्रांस-सहारा दास व्यापार, लाल सागर दास व्यापार, हिंद महासागर दास व्यापार और अटलांटिक दास व्यापार (16वीं शताब्दी में आरम्भ) शुरू हुआ तो पहले से मौजूद कई स्थानीय अफ्रीकी दास प्रणालियों ने अफ्रीका के बाहर दास बाजारों के लिए बंदियों की आपूर्ति शुरू कर दी।[1] समकालीन अफ्रीका में दास प्रथा अवैध होने के बावजूद आज भी कुछ भागों में प्रचलित है।[2]

दास प्रथा का विस्तार

[संपादित करें]

प्रासंगिक साहित्य में अफ्रीकी दासता को स्वदेशी दासता और निर्यात दासता में वर्गीकृत किया गया है जो इस बात पर निर्भर करता है कि दासों का व्यापार महाद्वीप से बाहर किया गया या नहीं।[3] अफ्रीका के इतिहास में दास प्रथा कई अलग-अलग रूपों में प्रचलित थी: बँधुआ मज़दूर, युद्ध बंदियों की दासता, सैन्य दासता, वेश्यावृत्ति के लिए दासता, और अपराधियों की दासता आदि ये सभी अफ्रीका के विभिन्न भागों में प्रचलित थीं। घरेलू और अदालती उद्देश्यों के लिए दास प्रथा पूरे अफ्रीका में व्यापक थी। बागान दासता भी मुख्यतः अफ्रीका के पूर्वी तट और पश्चिमी अफ्रीका के कुछ हिस्सों में प्रचलित थी। अंतर्राष्ट्रीय दास व्यापार पर निर्भर कई अफ्रीकी राज्यों ने अपनी अर्थव्यवस्थाओं को दास श्रम द्वारा संचालित वैध वाणिज्य की ओर पुनः उन्मुख किया।[4]

सन्दर्भ

[संपादित करें]
  1. स्पार्क्स, रैंडी जे. (2014). व्हेयर द निग्रोज आर मास्टर्स: ऐन अफ्रीकन पोर्ट इन द एरा ऑफ द स्लेव ट्रेड. कैम्ब्रिज, मैसाचुसेट्स: हार्वर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस. ISBN 9780674724877.
  2. "मॉडर्न स्लेवरी इन अफ्रीका". वॉक फ्री (ऑस्ट्रेलियाई अंग्रेज़ी भाषा में). अभिगमन तिथि: 11 फरवरी 2025. {{cite web}}: Check date values in: |accessdate= (help)
  3. डिर्क बेज़ेमर, जट्टा बोल्ट, रॉबर्ट लेन्सिंक, "स्लेवरी, स्टेटहुड एंड इकोनॉमिक डेवलपमेंट इन सब-सहारन अफ्रीका", अफ्रीकन इकोनॉमिक हिस्ट्री वर्किंग पेपर सिरीज, नं. 6/2012, पेज. 6
  4. एल्टिस, डेविड (2017). द कैंब्रिज वर्ल्ड हिस्ट्री ऑफ स्लेवरी: वॉल्यूम 4: 1804–2016 (प्रथम ed.). वेस्ट न्याक: कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस. ISBN 978-0-521-84069-9. अभिगमन तिथि: 15 जनवरी 2025.

बाहरी कड़ियाँ

[संपादित करें]