अपह्नुतिअलंकार
दिखावट
इस लेख में सन्दर्भ या स्रोत नहीं दिया गया है। कृपया विश्वसनीय सन्दर्भ या स्रोत जोड़कर इस लेख में सुधार करें। स्रोतहीन सामग्री ज्ञानकोश के उपयुक्त नहीं है। इसे हटाया जा सकता है। (सितंबर 2023) स्रोत खोजें: "अपह्नुतिअलंकार" – समाचार · अखबार पुरालेख · किताबें · विद्वान · जेस्टोर (JSTOR) |
जहां उपमेय (संज्ञा) का निषेध करके उपमान (सर्वनाम) की स्थापना की जाए, वहां अपह्नुति अलंकार होता है। यथा- मैं जो कहा रघुवीर कृपाला। बंधु न होइ मोर यह काला।। यहां भाई को भाई न कहकर काल शब्द पर विशेष बल दिया गया है। अतः यहां अपह्नुति अलंकार है।
अन्य उदाहरण- नेत्र नहीं पद्म (नील कमल) हैं। रस्सी नहीं सर्प है।
इस प्रकार ऐसे अलंकरणों से सज्जित छंदादि अपह्नुति अलंकार के अन्दर आते हैं।