अनुज (रामानुज) शर्मा

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से

छतीसगढ़िया फिल्मों के सुपर स्टार अनुज शर्मा पहली बार ही चुनाव मैदान में उतरकर 44343 मतों से जीतकर विधायक बने हैं। उन्होंने कांग्रेस की प्रत्याशी व राज्यसभा सांसद रहीं छाया वर्मा को चुनाव हराया हैं। अनुज शर्मा का जन्म 15 मई 1976 को अविभाजित रायपुर जिले के भाटापारा में एक मध्यवर्गीय परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम टेकेन लाल शर्मा व माता का नाम देहुति शर्मा है। उनके पिता एक बैंक कर्मचारी थे। 4 भाई बहनों में अनुज सबसे छोटे है। उनके दो बड़े भाई व एक बड़ी बहन है। अनुज शर्मा ने अपनी स्कूली पढ़ाई भाटापारा के सरकारी स्कूल से की। वे पढ़ाई में एवरेज थे पर स्कूल के सांस्कृतिक कार्यक्रमो में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते थे। और दस साल की उम्र से ही शौकिया तौर पर स्कूल व मोहल्ले के कार्यक्रमों में हिस्सा लेते रहते थे। पिता की मौत के बाद भाटापारा से उनका परिवार रायपुर शिफ्ट हो गया।

         पिता की मौत के बाद उनकी मां ने ही उनके परिवार को सम्हाला। आर्थिक समस्याओं के चलते स्कूल की गर्मी की छुट्टियों में अनुज पिपरमेंट बेचा करते थे। 7 वीं क्लास में उन्हें ऑल इंडिया रेडियों में गाने का पहली बार मौका मिला था। 1998 में इन्होंने रायपुर की रविशंकर विश्वविद्यालय से एमए इतिहास की पढ़ाई पूरी की और एलएलबी में एडमिशन लिया। इस दौरान साइकिल में घूम घूम कर समाचार पत्रों के सर्वे का क़ाम किया। फिर ज्यादा सैलरी मिलने पर एक शो रूम में सेल्समेन की नौकरी करने लगे। साथ ही अपनी पढ़ाई भी करते रहे। उनका सपना एयरफोर्स में जाने का था। फिल्मों में अनुज का आना भी किसी फिल्मी कहानी से कम नही है। एक दिन अचानक अनुज को राह चलते सतीश जैन मिले। सतीश जैन छतीसगढ़ी फिल्मों के स्थापित डायरेक्टर थे। उन्होंने अनुज को अपनी फिल्म में क़ाम करने ऑफर दे डाला। अनुज तब सतीश को नही जानते थे। पर वे ऑडिशन देने चले गए और उनका सलेक्शन हो गया।
        फिर छतीसगढिया सिनेमा जगत की सुपर डुपर हिट पहली कलर फ़िल्म मोर छइयां-भुईयां रिलीज हुई। जिसने रिकार्ड तोड़ा। और रायपुर के बाबूलाल टॉकीज में लगातार 106 दिन तक चली। फ़िल्म की सफलता पूर्वक चली।

मोर छइयां भुईयां की सफलता के बाद अनुज ने अपने एयरफोर्स में जाने के सपने को लेकर फिल्मों से दूरी बना ली और तीन साल तक कोई फ़िल्म नही की। पर कुछ विशेष सफलता नही मिलने पर अनुज वापस लौटे और 2003 में उनकी झन भूलौ मां बाप ल रिलीज हुई। फिर अनुज फिल्मों मे रम गए। और उन्होंने मया देदे, मया लेले, मोर संग चलव, अंगना, माई के मर्यादा, राम लखन जैसा बेटवा हमारा, राजा, राजा छतीसगढ़िया, लैला टिपटॉप, छैला अगूंठा छाप, रँगोंबती, जैसी फिल्में की। उन्होंने खुद का बैंड व प्रॉडक्शन हाउस भी खोला। उनकी 2007 में शादी हुई और पत्नी का नाम डॉक्टर स्मिता शर्मा है। और उनके 2 बच्चे आरुग व अनुमिता है। अनुज शर्मा को कई अवार्ड व पुरुस्कार मिले हैं। 1992 में स्कॉउट गाइड के लिए राष्ट्रपति अवार्ड मिला, फिर 1997 में एनसीसी का सी सर्टिफिकेट भी मिला है। छतीसगढ़ सरकार द्वारा उन्हें सर्वश्रेष्ठ नायक के पुरुस्कार से सम्मानित किया गया। 1998 में एयरविंग सर्टिफिकेट मिला। उन्हें 4 बार बेस्ट एक्टर के पुरुस्कार से नवाजा गया। अनुज को कला के क्षेत्र में योगदान के लिए सन 2014 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया है| स्वच्छ भारत अभियान में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने अनुज को प्रदेश के 9 रत्नों में शामिल किया है।

2023 विधानसभा चुनाव में अनुज के जीत की कहानी:–

अनुज शर्मा छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद छत्तीसगढ़िया फिल्मों के सुपरस्टार बन के उभरें। उनकी छवि सिर्फ धरसींवा में ही नहीं पूरे प्रदेश में भी लोकप्रिय है। चुनाव मैदान में उतरने पर महिलाओं एवं युवाओं ने उन्हें हाथों हाथ लिया और एक तरफा वोटिंग की। यहां कांग्रेस ने महिला प्रत्याशी छाया वर्मा को टिकट दिया था, पर फिर भी भाजपा की महतारी वंदन योजना के चलते अनुज महिला वोटरों के बीच हिट रहे।

धरसींवा विधानसभा में पिछले दो चुनावों से भाजपा देवजी भाई पटेल तो वहीं कांग्रेस अनीता योगेंद्र शर्मा को टिकट देती आ रही थी। इस बार भाजपा व कांग्रेस दोनों पार्टियों ने यह प्रत्याशी बदल दिए। प्रत्याशी बदलने पर भाजपा को फायदा तो वहीं कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ा। 2013 में भाजपा के प्रत्याशी देव जी भाई पटेल यहां से चुनाव जीते थे। जबकि 2018 में यहां से कांग्रेस की अनीता योगेंद्र शर्मा जीती थी।

पिछली बार 19 हजार वोटों से जीती विधायक अनीता योगेंद्र शर्मा का टिकट काटकर छाया वर्मा को टिकट दी थी। जिससे लोकल कार्यकर्ताओं में नाराजगी भी रही। टिकट बदलने कांग्रेस को भारी पड़ा और भाजपा प्रत्याशी अनुज शर्मा ने कांग्रेस की छाया वर्मा को 44343 वोटों से हरा दिया। अनुज शर्मा को 107283 वोट मिले जबकि कांग्रेस की प्रत्याशी छाया वर्मा को 62940 वोट मिले राज्यसभा सांसद रह चुकी हैं।

संकलन

छत्तीशगढ आइडल संदीप राव छत्तीसगढ़ के धरोहर संपादक धमतरी छत्तीसगढ़ 493773

सन्दर्भ[संपादित करें]