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अनिद्रा

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अनिद्रा या उन्निद्र रोग (इनसॉम्निया) में रोगी को पर्याप्त और अटूट नींद नहीं आती, जिससे रोगी को आवश्यकतानुसार विश्राम नहीं मिल पाता और स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। बहुधा थोड़ी सी अनिद्रा से रोगी के मन में चिंता उत्पन्न हो जाती है, जिससे रोग और भी बढ़ जाता है। स्वस्थ रहने के लिए पर्याप्त नींद सोना जरूरी है, लेकिन आजकल कई लोग अनिद्रा की समस्या से जूझ रहे हैं। इस बीमारी को अंग्रेजी में इंसोमनिया (Insomnia) कहा जाता है। यह एक प्रकार का नींद संबंधी विकार है। इसमें व्यक्ति को सोने में असुविधा, नींद की कमी या नींद पूरी नहीं हो पाने की समस्या रहती है। ऐसा होने से स्वास्थ्य पर असर होता है और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होने लगती हैं।

insomnia

इसके मुख्य रूप से दो प्रकार माने गए हैं[1]:

1. एक्यूट इंसोमनिया - यह अनिद्रा का एक आम प्रकार होता है। यह समस्या कुछ दिनों या हफ्तों के लिए हो सकती है। इसके कारण बहुत ही सामान्य हो सकते हैं जैसे - काम का दवाब, कोई पारिवारिक चिंता, कोई घटना या अन्य कोई समस्या।

2. क्रॉनिक इंसोमनिया – अनिद्रा की यह समस्या गंभीर हो सकती है। यह महीने भर या उससे भी ज्यादा दिनों तक रह सकती है। ज्यादातर मामलों में यह सेकंडरी होती है। क्रॉनिक इंसोमनिया किसी अन्य समस्या के लक्षण या साइड इफेक्ट जैसे - कुछ चिकित्सा स्थितियां, दवाएं और अन्य नींद विकार आदि की ओर इशारा हो सकता है। इसके अलावा, कैफीन, तंबाकू और शराब जैसे खाद्य व पेय पदार्थों का सेवन भी इसका कारण हो सकता है। कुछ मामलों में यह समस्या तनाव या फिर लंबी यात्रा के कारण भी हो सकती है।

आमतौर पर अनिद्रा का कारण तनाव व थकावट हो सकती है, लेकिन इसके कुछ निम्न कारण भी हो सकते हैं[2]:

  • हर रोज सोने के समय में बदलाव होना।
  • दोपहर में सोना या झपकी लेना।
  • सोते वक्त ज्यादा शोर होना या रूम में अधिक लाइट होना।
  • व्यायाम न करना।
  • सोते वक्त मोबाइल व टीवी जैसे उपकरणों का उपयोग करना।
  • धूम्रपान करना।
  • पूरे दिन कैफीन युक्त पदार्थों का अधिक सेवन करना।
  • कुछ खास तरह की दवाइयों का सेवन करना।
  • रात के वक्त काम करना। चिंता या तनाव।
  • कुछ खास तरह के नींद संबंधी विकार।
  • शरीर में कोई परेशानी होना या स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या होना जैसे - मोटापा, मधुमेह, हृदय रोग, तनाव।
  • जीवनशैली में बदलाव।

अब वक्त है अनिद्रा के कुछ लक्षणों के बारे में जानने का। इसलिए, नीचे अनिद्रा के कुछ लक्षणों के बारे में बताया गया है[3]

  • रात को सोने में परेशानी होना।
  • दिन के वक्त थकान महसूस होना या दिन के वक्त नींद आना।
  • सुबह उठने के बाद तरोताजा महसूस न करना।
  • सोते वक्त बार-बार उठना या नींद आने में परेशानी होना।
  • ज्यादा देर तक जागना।
  • देर रात सोने के बाद जल्दी उठ जाना।

विकृत चेतना और उन्माद के रोगियों में एक विशेष लक्षण यह होता है कि अकारण ही उन्हें चिंता बनी रहती है। बुढ़ापे तथा अन्य कारणों से मस्तिष्क-अवनति में, अच्छी नींद आने पर भी लोग बहुधा शिकायत करते हैं कि नींद आई ही नहीं। (दे.सिं.)

अनिद्रा का उपचार व्यक्ति की स्थिति पर निर्भर करता है। फिर भी नीचे बताए गए कुछ उपचारों का सहारा लिया जा सकता है[4]

  • जीवनशैली में बदलाव यानी समय से सोना और नियमित रूप से व्यायाम या योग करना।
  • डॉक्टर द्वारा दी गई दवाइयों का सेवन करना।
  • कुछ खास तरह के अनिद्रा के घरेलू उपचार या खानपान में बदलाव।
  • कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी (CBT-cognitive-behavioral therapy) करवाना, ताकि तनाव या चिंता की समस्या से राहत मिल सके।
  • सोने से पहले ज्यादा भारी खाना न खाना।
  • रोज रात को एक ही वक्त पर सोने जाना और सुबह एक निर्धारित वक्त पर उठने की आदत डालना।

इन्हें भी देखें

[संपादित करें]
  1. "अनिद्रा के प्रकार". मूल से 16 अप्रैल 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 23 अप्रैल 2020.
  2. "अनिद्रा के कारण". मूल से 1 अगस्त 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 23 अप्रैल 2020.
  3. "अनिद्रा के लक्षण". मूल से 17 अप्रैल 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 23 अप्रैल 2020.
  4. "अनिद्रा के उपचार". मूल से 8 दिसंबर 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 23 अप्रैल 2020.