अनार की तितली

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[1] अनार की तितली यह कीट व्यापार रूप से पूरे भारत में एवं आस पास कई देशों में पाया जाता है। प्रौढ़ नर तितली चमकदार नीले रंग की एवं मादा तितली भूरे रंग की होती है। प्रौढ़ो में पंखों का विस्तार 40-50 मिमी. होता है। पूर्ण विकसित लटे 17-20 मि. मी. लम्बी, गहरे भूरे रंग की होती है। यह एक बहुभक्षी कीट है जो सेब,बेर, नीबू वर्गीय फलों, अमरूद इत्यादि पौधों को हानि पहुंचाता है। इस तितली की लटे इसके फलों को बहुत हानि पहुंचाती है। इस कीट के प्रकोप से 40-90% नुकसान हो जाता है। फलों को परिपक्व होने से पूर्व ढक देने से नुकसान को कम किया जा सकता है। कीट ग्रस्त फलों को इकट्ठा करके नष्ट कर देना चाहिए। इस कीट के प्रकोप से बचाव हेतु डाईमिथोएट 30ई.सी. दवा या क्यूनालफास 25ई.सी. दवा 2.0मि.मघ. प्रति लीटर पानी के साथ मिलाकर छिड़काव करना चाहिए। [2]==सन्दर्भ==

  1. डाॅ. हेमलता शर्मा. अनार की तितली (2018 संस्करण). राजस्थान राज्य पाठयपुस्तक मण्डल 2-2ए, झालाना डूंगरी, जयपुर. पृ॰ 53. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9789387089754.
  2. डाॅ. हेमलता शर्मा (2018). अनार की तितली (2018 संस्करण). राजस्थान राज्य पाठयपुस्तक मण्डल 2-2ए, झालाना डूंगरी, जयपुर. पृ॰ 53. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9789387089754.