अजयगढ़ राज्य
अजयगढ़ राज्य | |||||||
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ब्रिटिश भारत का रियासत राज्य | |||||||
1765–1949 | |||||||
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![]() भारत के शाही राजपत्र में अजयगढ़ राज्य | |||||||
इतिहास | |||||||
• स्थापना | 1765 | ||||||
1949 | |||||||
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अजयगढ़ राज्य ब्रिटिश भारत में एक रियासत थी। इसकी स्थापना 1765 में बुन्देलों ने की थी। इसकी राजधानी मध्य प्रदेश के अजयगढ़ में थी। राज्य 1891 तक बुन्देलों के अधीन रहा! 1892 में नबाबों ने कब्जा कर लिया!जो 1804 तक रहा। अजयगढ़ के अंतिम शासक ने 1 जनवरी 1950 को भारतीय संघ में विलय पर हस्ताक्षर किए।[1] राज्य की राजधानी अजयगढ़ थी। यादव वंश ने राज्य पर शासन किया। 1804 में यहाँ नबाबों को हराकर ठाकुर लक्ष्मण सिंह दऊआ ने यहाँ दऊआ (यादव) राजवंश की नीव रखी!1807 मे फिर अंग्रेज़ों ने यह किला यदुवंशियों से छीनकर बुन्देलों को सौंप दिया! दोवारा फिर बुन्देलों ने यहाँ 1855 तक शासन किया! जिनके अन्तिम राजा बिजय सिंह थे जिनकी म्रत्यु 1855 हो गई थी! तभी यहाँ ठाकुर लक्ष्मण सिंह दऊआ के आगे की पीड़ी के वंशज ठाकुर रणजोर सिंह दऊआ जो कि पन्ना राज्य के मंत्री थे! और निम्नीपार के जागीरदार थे! 1855 में ठाकुर रणजोर सिंह दऊआ ने अजयगढ़ पर कब्जा कर फिर से दऊआ(यादव) राजवंश की स्थापना की! और आगे चलकर महाराज की उपाधि भी धारण की! इस वंश का शासन देश आजाद होने तक रहा!
बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]- Jain, Ravindra K. (2002). Between History and Legend: Status and Power in Bundelkhand. Orient Blackswan. ISBN 978-81-250-2194-0.
- ↑ "Ajaigarh Princely State (11 gun salute)". Archived from the original on 4 मार्च 2016. Retrieved 17 अगस्त 2022.
मध्यप्रदेश का इतिहास