अच्युतव्रत

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अच्युतव्रत[संपादित करें]

पौष कृष्णा प्रतिपदा को यह व्रत किया जाता है, तिल और घी के द्वारा होम करने से अच्युत पूजा होती है, इस दिन ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र द्वारा तीस सपत्नीक ब्राहमणों को भोजन कराया जाता है, इस व्रत के द्वारा व्यक्ति मोक्ष का अधिकारी माना जाता है। देखें-अहल्या का.घे.(पत्रात्मक) पृष्ठ २३।