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अग्नि (आयुर्वेद)

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आयुर्वेद के अनुसार पाचन एवं उपापचय की सभी क्रियाएं अग्नि के द्वारा सम्पन्न होतीं हैं। इसको 'पक्वाग्नि' कहते हैं। अग्नि को आहार नली, यकृत तथा ऊतक कोशिकाओं में मौजूद एंजाइम के रूप में समझा जा सकता है।

अग्नि चार प्रकार की होती है:

  1. समाग्नि (सम + अग्नि),
  2. मन्‍दाग्नि (मन्द + अग्नि),
  3. तीक्ष्‍णाग्नि (तीक्ष्ण + अग्नि), और
  4. विषमाग्नि (विषम +अग्नि)।

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