अक्कू यादव
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अक्कू यादव | |
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चित्र:Akku Yadav.jpg | |
जन्म |
Bharat Kalicharan 1971 or 1972 India |
मृत्यु |
13 August 2004 (aged 32) Nagpur District Court, Vidarbha, Maharashtra, India |
मृत्यु का कारण | Lynching (primarily stabbing) |
भरत कालीचरण उर्फ अक्कू यादव भारत का एक 32 वर्षीय कथित बलात्कारी और हत्यारा था।[1][2][3] इसको अगस्त 13, 2004 के दिन कस्तूरबा नगर की लगभग 200 महिलाओं की एक भीड़ ने मार डाला गया था।[2] यादव को सत्तर से अधिक बार चाकू मारा गया था और मिर्च पाउडर और पत्थर उसके चेहरे में फेंके गए थे। उसके कथित पीड़ितों में से एक ने उसका गुप्तांग काट दिया था।[4] अदालत के संगमरमर के फर्श पर नागपुर जिला अदालत में मुकदमा चल रहा था। उसे मारने वाली महिलाओं का दावा है कि यादव एक दशक से अधिक के लिए दण्ड-मुक्ति रहकर बलात्कार और स्थानीय महिलाओं को गाली दे रहा था और स्थानीय पुलिस उसकी पीड़ितों की मदद या यादव पर मुकदमा चलाने से इनकार कर रही थी क्योंकि यादव उन्हें रिश्वत दे रहा था। यादव ने कथित तौर पर कम से कम तीन लोगों की हत्या कर दी थी और रेल पटरियों पर उनके शरीरों को फेंक दिया था। हत्या उस समय हुई जब यादव गुस्से में आई भीड़ में बलात्कार-पीड़ित औरत को देखा और उसे एक वेश्या कहा।
2012 में अक्कू यादव के भतीजे अमन यादव इसी तरह की परिस्थितियों में चाकू से मारा गया था और बाद में उसकी मौत हो गई थी।[5]
पाँच महिलाओं को तुरंत गिरफ़्तार किया गया था पर उन्हें शहर में प्रदर्शनों के बाद छोड़ा गया क्योंकि झुग्गी-झोपड़ी की हर महिला ने गौरवमय तरीक़े से इस हत्या की ज़िम्मेदारी ली थी। ऊषा नारायण नामक समाजसेविका को हिरासत में लिया गया जिन्हें कुछ और महिलाओं के साथ 2012 में छोड़ दिया गया था।[6]
फ़िल्म[संपादित करें]
2015 में फ़िल्म निर्देशक एस वी बी चौधरी ने एक फिल्म कीचक बनाई जो अक्कू यादव के जीवन पर आधारित है। चौधरी के अनुसार निर्भया बलात्कार मामले से प्रेरित होकर उन्होंने अक्कू यादव बनाई जिसने सौ महिलाओं का बलात्कार किया था और लगभग 20 महिलाओं ने सामूहिक रूप से न्यायालय के आगे उसकी हत्या कर दी थी। फ़िल्म को वयस्क श्रेणी में रखा गया है क्योंकि उसमें हिंसा और असंपादित दृश्य प्रस्तुत किए गए हैं। चूँकि फ़िल्म को एक व्यापारिक दृष्टि से तय्यार किया गया है, इसलिए कुछ सामान्य "फ़िल्मी मसाला" कहलाने वाले अंश जोड़े गए हैं। निर्देशक के अनुसार यह एक महिला-समर्थक फ़िल्म है[7]।
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 5 जुलाई 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 जुलाई 2014.
- ↑ अ आ "संग्रहीत प्रति". मूल से 24 जून 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 जुलाई 2014.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 14 जुलाई 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 जुलाई 2014.
- ↑ "संग्रहीत प्रति" (PDF). मूल से 24 सितंबर 2015 को पुरालेखित (PDF). अभिगमन तिथि 25 जुलाई 2014.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 15 अप्रैल 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 जुलाई 2014.
- ↑ http://prezi.com/dbug9bmeyhkt/usha-narayane/
- ↑ सुरेश, कविरायानी. "Film on rapist Akku Yadav". डेकेन क्रॉनिकेल. डेकेन क्रॉनिकेल समूह. मूल से 4 सितंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २० जनवरी २०१९.