अंतराग्रहीय माध्यम

अंतरग्रहीय माध्यम से सौरमंडल में फैले सभी ग्रह, बौने ग्रह, क्षुद्रग्रह और धूमकेतु गति करते हैं। यह सौर वायु, धूलकणों, गैस और ब्रह्मांडीय किरणों से बना अत्यंत विरल पदार्थ होता है। इसकी सीमा सौर वायु तक होती है, सन् 1950 के दशक से पहले वैज्ञानिकों का मानना था कि अंतरग्रहीय अंतरिक्ष या तो पूर्णतः रिक्त है या किसी अदृश्य पदार्थ से भरा हुआ है, परंतु बाद में शोधों से ज्ञात हुआ कि यह ऊर्जा और सूक्ष्म कणों से भरा है।[1]
संरचना एवं भौतिक विशेषताएँ
[संपादित करें]इसका [[घनत्व][ बहुत कम होता है और सूर्य से दूरी बढ़ने पर सौर वायु का घनत्व घटता है। सौर वायु कभी स्थिर नहीं रहती; यह चुंबकीय क्षेत्रों और सौर गतिविधियों जैसे सौर द्रव्यमान उत्सर्जन से प्रभावित होती है। अंतरग्रहीय माध्यम में सामान्यतः कणों का घनत्व 5 से 40 प्रति घन सेंटीमीटर तक पाया जाता है, पृथ्वी के समीप यह लगभग 5 कण प्रति घन सेंटीमीटर रहता है, परंतु कुछ स्थितियों में यह 100 कण प्रति घन सेंटीमीटर तक भी बढ़ सकता है।[2]
अंतरग्रहीय माध्यम की अवलोकनीय घटनाएँ
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अंतरग्रहीय माध्यम पृथ्वी से दिखाई देने वाली कई प्रकाशीय घटनाओं के लिए उत्तरदायी है। इनमें प्रमुख है राशिचक्रीय प्रकाश, जो सूर्यास्त के बाद या सूर्योदय से पहले धुंधली प्रकाश की चौड़ी पट्टी के रूप में दिखाई देती है और क्षितिज के पास सबसे अधिक चमकदार होती है। यह चमक सूर्य और पृथ्वी के बीच मौजूद अंतरग्रहीय धूलकणों द्वारा सूर्य के प्रकाश के बिखराव से उत्पन्न होती है।
यह भी देखें
[संपादित करें]संदर्भ
[संपादित करें]- ↑ डिस्क, जे॰ स्टेवन (2019). "अंतरग्रहीय माध्यम घटक समूह". ब्रह्मांड का वर्गीकरण. खगोलविदों का ब्रह्मांड. स्प्रिंगर, चाम. डीओआई:10.1007/978-3-030-10380-4_5. ISBN 978-3-030-10379-8.
- ↑ लांग, केनेथ आर॰ (2003). The सौरमंडल का मार्गदर्शन. कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय पत्रिका. ISBN 9780521813068.
- ↑ "कृत्रिम सुबह". www.eso.org. अभिगमन तिथि: 14 फरवरी 2017.