अंकियानाट

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अंकीयानाट महापुरुष श्रीमन्त शंकरदेव और माधवदेव द्वारा रचित नाटसमूह हैं। ये पौराणिक आख्यान की भित्ति पर ब्रजावली भाषा में रचित हैं। दोनों महापुरुषों ने इन्हें यात्रा झुमुरा कहा था किन्तु परवर्ती काल में किन्हीं किन्हीं वैष्णव भक्तों ने इन्हें 'अंकीया नाट' का नाम दिया।

पन्द्रहवीं शताब्दी के उत्तरार्ध में शंकरदेव द्वारा प्रवर्तित धार्मिक एवं जनप्रिय मनोरंजन का माध्यम अंकीया नाट भाओना ही असमिया नाट्य इतिहास का प्रथम निदर्शन था।

सन्दर्भ[संपादित करें]

इन्हें भी देखें[संपादित करें]