गंजापन

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पुरुष पैटर्न का गंजापन

गंजापन की स्थिति में सिर के बाल बहुत कम रह जाते हैं। गंजापन की मात्रा कम या अधिक हो सकती है। गंजापन को एलोपेसिया भी कहते हैं। जब असामान्य रूप से बहुत तेजी से बाल झड़ने लगते हैं तो नये बाल उतनी तेजी से नहीं उग पाते या फिर वे पहले के बाल से अधिक पतले या कमजोर उगते हैं। इसके चलते बालों का कम होना या कम घना होना शुरू हो जाता है। बालों का रोजमर्रा में झड़ना आम बात है लेकिन अगर गिरते हुए बालों की जगह नए बाल ना आए तो गंजेपन को समस्या होती है।

गंजेपन के प्रकार[संपादित करें]

  1. एंड्रोजेनिक एलोपेसिया - यह सर्वाधिक आम है और महिलाओ से ज्यादा पुरुषों को होता है। इसीलिए इसे पुरुषों का गंजापन भी कहा जाता है। यह स्थायी किस्म का गंजापन है और एक खास ढंग से खोपड़ी पर उभरता है। यह कनपटी और सिर के ऊपरी हिस्से से शुरू होकर पीछे की ओर बढ़ता है। यह जवानी के बाद किसी भी उम्र में शरू हो सकता है और व्यक्ति को आंशिक रूप से या पूरी तरह गंजा कर सकता है। इस किस्म के गंजेपन के लिए मुख्यत: टेस्टोस्टेरॉन नामक हारमोन संबंधी बदलाव और आनुवंशिकता जिम्मेदार होती है।
  2. एलोपेसिया एरीटा - इसमें सिर के अलग-अलग हिस्सों में जहां-तहां के बाल गिर जाते हैं, जिससे सिर पर गंजेपन का पैच लगा सा दिखता है। इसकी वजह अब तक अनजानी है, पर माना जाता है कि यह शरीर की रोगप्रतिरोधी शक्ति कम होने के कारण होता है।
  3. ट्रैक्शन एलोपेसिया - यह लंबे समय तक एक ही ढंग से बाल के खिंचे रहने के कारण होता है। जैसे, कोई खास तरह से हेयरस्टाइल या चोटी रखना। लेकिन हेयरस्टाइल बदल देने यानी बाल के खिंचाव को खत्म कर देने के बाद इसमें बालों का झड़ना रुक जाता है।

उपचार[संपादित करें]

  1. केश प्रत्यारोपण (हेयर ट्रांसप्लांटेशन): इसके तहत सिर के उन हिस्सों, जहां बाल अब भी सामान्य रूप से उग रहे होते है, से केश-ग्रंथियां लेकर उन्हें गंजेपन से प्रभावित हिस्सों में ट्रांसप्लांट किया जाता है। इसमें त्वचा संबंधी संक्रमण का खतरा बहुत कम होता है और उन हिस्सों में कोई नुकसान होने की संभावना कम होती है जहां से केश-ग्रंथियां ली जाती है।
  2. दवाओं के इस्तेमाल से: माइनोक्सिडिल and vitiman c ka sawan Kara or niyamt roop sa balo ma tel lagaya नामक दवा का इस्तेमाल कम बाल वाले हिस्सों पर रोज करने से बाल गिरना रुक जाता है तथा नये बाल उगने लगते हैं। यह दवा रक्त वाहिनियों को सशक्त बनाती है जिससे प्रभावित हिस्सों में रक्तसंचार और हारमोन की आपूर्ति बढ़ जाती है और बाल गिरना बंद हो जाता है। एक और फाइनस्टराइड नामक दवा की एक टेबलेट रोज लेने से बालों का गिरना रुक जाता है तथा कई मामलों में नये बाल भी उगने लगते हैं।
  3. कॉस्मेटिक उपचार सिंथेटिक केश - गंजेपन से प्रभावित हिस्से को ढंकने के लिए विशेष रूप से निर्मित बालों का प्रयोग किया जा सकता है। यहां ध्यान देने की बात यह है कि इन बालों के नीचे की खोपड़ी को नियमित रूप से धोते रहना जरूरी है, इसमें किसी किस्म की कोताही नहींे बरती जानी चाहिए। एक और तरीका है कृत्रिम बालों की बुनाई कराना, जिसके तहत मौजूदा बालों के साथ कृत्रिम केशों की बुनाई की जाती है।
  4. दवाएं यदि आपके बालों का झड़ना किसी मुख्य बीमारी के कारण होता है, तो उस बीमारी के लिए उपचार आवश्यक है । यदि कोई निश्चित दवा बालों के झड़ने का कारण बन रही है, तो आपका डॉक्टर उस दवा को कुछ महीनों के लिए बंद करने की सलाह दे सकता है । गंजेपन के इलाज के लिए निम्न दवाएं शामिल हैं । सबसे आम विकल्पों में शामिल है – (i).मिनोक्सिडील रोगैने (Minoxidil Rogaine) : मिनोक्सिडिल एक सामयिक (topical) दवा है, जिसे दिन में दो बार खोपड़ी पर लगाया जाता है । यह स्कैल्प में रक्त वाहिकाओं को चौड़ा करने का काम करता है, जो बालों के रोम में अधिक पोषक तत्व पहुँचाने में मदद करते हैं । यह बालों के विकास को उत्तेजित करता है और बालों के विकास चक्र को बढाता है । मिनोक्सिडिल,  फोम या तरल जैसे विभिन्न फार्मूलेशन में उबलब्ध है । यह आम तौर पर दिन में दो बार उपयोग किया जाता हैं । इसका परिणाम दिखने में कुछ महीनें लग सकते हैं । मिनोक्सिडिल उन लोगों के लिए सबसे ज्यादा प्रभावी है जो बालों के जल्दी - जल्दी झड़ने का अनुभव कर रहे हैं । इसका उपयोग महिला पैटर्न गंजापन (Female Pattern Baldness) के लिए भी किया जाता है । (ii). Finasteride (Propecia): यह पुरुषों के लिए एक प्रिस्क्रिप्शन ड्रग है । आप इस रोजाना के रूप में ले सकते हैं । इसे दिन में एक बार मुँह से लिया जाता है । यह मुख्य रूप से पुरुष पैटर्न गंजापन (Male Pattern Baldness) के इलाज के लिए उपयोग की जाती है । यह टेस्टोस्टेरोन को डायहाइड्रोटेस्टोस्टेरोन (डीएचटी) में परिवर्तित होने से रोकता है, जिसे बालों को झड़ने में एक योगदान माना जाता है । (iii) कोर्टिकोस्टेरॉयड (Corticosteroid) : ऑटोइम्यून – सम्बंधित बालों को झड़ने के मामलों में, जैसे की एलोपेसिया एरिटा (Alopecia Areata) । इसमें कोर्टिकोस्टेरॉयड दवाओं को खोपड़ी में इंजेक्ट किया जाता है । यह दवाएं प्रतिरक्षा प्राणाली के असर को दबाने या कम करने में और बालों के विकास को बढ़ावा देने में मदद करता है ।

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]