ऍस॰ऍन॰१८५
ऍस॰ऍन॰१८५ (SN 185) एक महानोवा (सुपरनोवा) विस्फोट था जो सन् १८५ ईसवी में मित्र तारे की दिशा में परकार और नरतुरंग तारामंडलों के बीच देखा गया था। चीनी खगोलशास्त्रियों ने "पश्चात हान की पुस्तक" में इसे "मेहमान तारा" का नाम दिया[1] और संभव है कि रोमन साहित्य में भी इसका वर्णन किया गया हो। इसे आठ महीने तक आसमान में देखा जा सका था और माना जाता है कि यह पहला महानोवा धमाका था जिसका वर्णन लिखित रूप में किया गया।
माना जाता है कि आर॰सी॰डब्ल्यू॰ ८६ (RCW 86) नामक गैस का छल्ला इस महानोवा का बचा-कुचा अवशेष है। इसका अध्ययन करके पता लगा है कि जिस महानोवा का वर्णन इतिहास में किया गया है, यह छल्ला उस से मेल खाता है। यह छल्ला हमसे लगभग ९,१०० प्रकाश वर्ष की दूरी पर है।
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]
- ↑ (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर